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Sukesh Chandrasekhar के प्यार, पैसा और चिट्ठी की कहानी, सियासत तेज | Jacqueline Fernandez
Sukesh Chandrasekhar के प्यार, पैसा और चिट्ठी की कहानी, सियासत तेज | Jacqueline Fernandez
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Available Episodes

EPISODE 86

गोवा के द सोल बनयान ग्रेंड होटल के कमरा नंबर 404 में 7 जनवरी 2024 की रात साढ़े बारह बजे एक स्टार्टअप कंपनी की सीईओ जिसका नाम सूचना सेठ है..आरोप है कि उसने अपने 4 साल के बच्चे जिसे ... Read more

गोवा के द सोल बनयान ग्रेंड होटल के कमरा नंबर 404 में 7 जनवरी 2024 की रात साढ़े बारह बजे एक स्टार्टअप कंपनी की सीईओ जिसका नाम सूचना सेठ है..आरोप है कि उसने अपने 4 साल के बच्चे जिसे वो साथ गोवा घुमाने लाई थी..के साथ कुछ ऐसा कर दिया जिसकी उम्मीद एक मां से कोई कर ही नही सकता..कहते हैं जानवर भी अपने बच्चों के लिए हर खतरे से जूझ जाते हैं..फिर हम तो इंसान है..और इंसानी रिश्तों में भी मां की ममता का दर्जा सबसे आला है...लेकिन..लेकिन..लेकिन कहा जा रहा है कि सूचना सेठ ने अपने चार साल के बेटे को पहले कफ सिरप का हैवी डोज़ दे दिया..और बड़े प्यार से लोरी सुनाकर उसे गहरी नींद में सुला दिया...मासूम बच्चा मां के आंचल में खुद को सबसे ज्यादा महफूज महसूस करता है...पर वो बच्चा इतना खुशकिस्मत नहीं था शायद...तभी तो इल्ज़ाम लग रहा है कि सूचना सेठ जो इस बच्चे की अपनी मां थी..उसने तकिये या फिर तौलिये से खुद उसका दम घोंट दिया..जब उस मां को ये अहसास हो गया कि बच्चा मौत के आगोश में समां गया है..तो उसने यहां वहां नजर दौड़ाई कोई कागज नहीं मिला तो उसने टिश्यू पेपर उठाकर उस पर आई लाइनर से लिखा...मेरे बच्चे की कस्टडी को लेकर मेरा हस्बैंड और वकील दबाव बना रहे हैं..मेरा हस्बैंड हिंसक है मैं उसे एक दिन के लिए भी बच्चा नहीं दे सकती...सूचना सेठ ने अपने हाथों से लिखे इस नोट को फिर फाड़ दिया और पास रखी कैंची से अपने हाथ की नस काटने की कोशिश की..लेकिन शायद उसका इरादा बदल गया या फिर वो ठीक से ये काम नहीं कर पाई..तो उसने..अपने हाथ से निकल रहे खून को रोका एक पट्टी बांधी और मर चुके अपने बच्चे की लाश को बैग में रख कर निकल पड़ी गोवा के होटल से बेंगलुरु के लिए.. Read more

EPISODE 85

अभिजीत ने लाश रखवाते हुए बीएमडब्ल्यू कार ना दिखे, इसलिए बाहर की लाइट्स भी ऑफ करा दीं, लेकिन उसे होटल के सीसीटीवी कैमरों का ख्याल नहीं रहा. या फिर यूं कहें कि वो होटल का मालिक तो है ... Read more

अभिजीत ने लाश रखवाते हुए बीएमडब्ल्यू कार ना दिखे, इसलिए बाहर की लाइट्स भी ऑफ करा दीं, लेकिन उसे होटल के सीसीटीवी कैमरों का ख्याल नहीं रहा. या फिर यूं कहें कि वो होटल का मालिक तो है, लेकिन चूंकि होटल इस वक्त लीज पर है इसलिए उसकी मनमानी नहीं चली इसके कई घंटे बाद कत्ल का सीसीटीवी की मदद से ही का खुलासा तो हो गया, अभिजीत गिरफ्तार भी हो गया, लेकिन मॉडल की लाश का फिर भी कोई पता नहीं चला...गुरुवार को पुलिस ने पंजाब के पटियाला से लावारिस हालत में पड़ी वो बीएमडब्ल्यू कार भी बरामद कर ली.... Read more

EPISODE 84

दिसंबर के सर्द दिन हैं और सर्द शामें...दिन छोटे हैं और शाम का ठंडा धुंधलका छाते ही सन्नटा सा हो जाता है...बस इसी सर्द शाम के सन्नाटे का इंतजार कर रहे थे...सूफियान और मेहताब...और 16 ... Read more

दिसंबर के सर्द दिन हैं और सर्द शामें...दिन छोटे हैं और शाम का ठंडा धुंधलका छाते ही सन्नटा सा हो जाता है...बस इसी सर्द शाम के सन्नाटे का इंतजार कर रहे थे...सूफियान और मेहताब...और 16 दिसंबर को वो वक्त आ ही गया...कितनी खुश थी शीबा कि अपने दोनों भाईयों के साथ पिकनिक पर जा रही थी...गाजियाबाद का मुरादनगर गंगनहर इलाका हरियाली,कलकल बहता पानी एक बेहतरीन पिकनिक स्पॉट..लेकिन शीबा के सगे भाई सुफियान और ताउ के लड़के मेहताब ने कुछ और ही सोच रखा था उसके लिए...तीनों दिन भर गंगनहर के आसपास घूमते फिरते रहे... Read more

EPISODE 83

चरणजीत उर्फ चीनू ने रोहित गोदारा के साथ मिलकर गोगामेड़ी की हत्या करने की साजिश रचनी शुरू कर दी थी.. पिछले साल रोहित गोदारा का राजस्थान के सीकर के रहने वाले गैंगस्टर राजू ठेहट से वर ... Read more

चरणजीत उर्फ चीनू ने रोहित गोदारा के साथ मिलकर गोगामेड़ी की हत्या करने की साजिश रचनी शुरू कर दी थी.. पिछले साल रोहित गोदारा का राजस्थान के सीकर के रहने वाले गैंगस्टर राजू ठेहट से वर्चस्व को लेकर झगड़ा होने पर उसने अपने गिरोह के पांच छह बदमाशों के साथ मिलकर राजू ठेहट को उसके घर के पास ही गोलियों से भून डाला था..इतना खतरनाक हो गया था रोहित लेकिन पीएसओ साथ रखने के कारण रोहित गोदारा गोगामेड़ी को मारने की साजिश में कामयाब नहीं हो पा रहा था...अब आप सोच रहे होंगे कि आनंदपाल की बेटी चरणजीत चीनू की गोगामेड़ी से खुन्नस तो समझ आती है..लेकिन रोहित गोदारा से सुखदेव सिंह गोगामेड़ी का क्या लेना देना था....जी हां था लेना देना..और.इसके पीछे भी एक लड़की ही है... Read more

EPISODE 82

इस कहानी का आगाज़ एक साल पहले तब हुआ था, जब कानपुर के करोड़पति टीचर राजेश गौतम ने अपना मकान बनवाने का ठेका एक राजमिस्त्री शैलेंद्र सोनकर को दिया था... मकान बन रहा था. घर में शैलेंद ... Read more

इस कहानी का आगाज़ एक साल पहले तब हुआ था, जब कानपुर के करोड़पति टीचर राजेश गौतम ने अपना मकान बनवाने का ठेका एक राजमिस्त्री शैलेंद्र सोनकर को दिया था... मकान बन रहा था. घर में शैलेंद्र सोनकर का रोज आना-जाना होता था...कभी मजदूरों का पेमेंट लेना हो या फिर कभी सीमेंट,रेत,लोहे,गिट्टी की बात करनी हो..कभी मकान के डिजाईन पर चर्चा... इसी दौरान उसकी मुलकात टीचर राजेश की पत्नी उर्मिला उर्फ पिंकी से हुई.... पिंकी पोस्ट ग्रेजुएट होने के साथ-साथ बी.एड पास है. वो खूबसूरत भी है...लिहाजा, कांट्रेक्टर शैलेंद्र उस पर फिदा हो गया. उधर, पिंकी भी खुद पर काबू नहीं रख पाई और शैलेंद्र के छलावे में फंसती चली गई.... इसके बाद शैलेंद्र घर में ही पिंकी के साथ दोनों के बीच संबंध बन गए. कुछ महीनों तक तो ये सब चलता रहा...लेकिन दोनों इस नाजायज़ ताल्लुकात के रास्ते पर काफी आगे निकल गए Read more

EPISODE 81

बस कंडक्टर के साथ मामूली से झगड़े के बाद लारेब हाश्मी ने बस में ही गर्दन पर चापड़ मार कर उसे बुरी तरह जख्मी कर दिया है...इसके बाद वो भाग निकला था..इतना ही नहीं इस पूरी वारदात में अपन ... Read more

बस कंडक्टर के साथ मामूली से झगड़े के बाद लारेब हाश्मी ने बस में ही गर्दन पर चापड़ मार कर उसे बुरी तरह जख्मी कर दिया है...इसके बाद वो भाग निकला था..इतना ही नहीं इस पूरी वारदात में अपने आप को जस्टिफाई करने की कोशिश में उसने एक वीडियो बनाया जिसमें वो बिल्कुल पाकिस्तानी उर्दू पंजाबी टोन में बात कर रहा था..ऐसे बोलना भी उसने मौलाना खादिम रिजवी को पिछले 8 माह से सुन सुन कर सीख लिया है...और शिद्दत पसंदी या कट्टरपंथ उस पर इस कदर हावी था ...कि उसने बस कंडक्टर पर हमले को जायज ठहराने के लिए मजहब का इस्तेमाल किया... Read more

EPISODE 80

दीवाली की रात लखनऊ में पीएसी के एक इंस्पेक्टर जिनका नाम सतीश कुमार सिंह था और उम्र लगभग 47 साल घर के सामने गोली मारकर हत्या कर दी जाती है...उनकी पत्नी और बेटी गाड़ी में ही बैठे थे. ... Read more

दीवाली की रात लखनऊ में पीएसी के एक इंस्पेक्टर जिनका नाम सतीश कुमार सिंह था और उम्र लगभग 47 साल घर के सामने गोली मारकर हत्या कर दी जाती है...उनकी पत्नी और बेटी गाड़ी में ही बैठे थे..ये लोग दीपावली की देर रात किसी रिश्तेदार के यहां से डिनर करके लौट रहे थे..बताया गया कि इंस्पेक्टर सतीश कुमार गेट का ताला खोलने गाड़ी से उतरे ही थे कि हमलावार ने उनपर गोलिया दाग दी..और अंधेरे का फायदा उठाकर गायब हो गया...लेकिन अब जब जांच बारीकी से की जा रही है तो इस केस में कई बातें निकलकर सामने आ रही हैं...गोली रात 2 बजकर 10 मिनिट पर चली तो सतीश की बीवी भावना उसके 65 सेकेंड बाद क्यों चीखी.... Read more

EPISODE 79

राजधानी लखनऊ के कृष्णा नगर के मानस विहार के रहने वाले 52 साल के सतीश कुमार पीएसी प्रयागराज में क्वार्टर मास्टर के ओहदे पर तैनात थे... वो अपनी बीवी और बेटी के साथ दीवाली पर एक रिश् ... Read more

राजधानी लखनऊ के कृष्णा नगर के मानस विहार के रहने वाले 52 साल के सतीश कुमार पीएसी प्रयागराज में क्वार्टर मास्टर के ओहदे पर तैनात थे... वो अपनी बीवी और बेटी के साथ दीवाली पर एक रिश्तेदार के घर डिनर करने गए थे। रात करीब दो बजे सतीश कुमार अपने परिवार के साथ मानस विहार के अपने घर पहुंचे तो घर का गेट खोलने के लिये पहले खुद कार से उतरे...वो गेट के पास भी नहीं पहुंचे थे कि कार बैठी उनकी पत्नी और बेटी ने देखा कि सतीश पर धांय धांय के साथ कहीं से फायर किये गये हैं..इसके पहले की वो लोग कुछ समझ पातीं सतीश कुमार नीचे गिर गये...गोलियां सीधे उन्हे मारी गईं थी.. Read more

EPISODE 78

पति था काला तो पत्नी ने पैट्रोल डाल कर जिंदा जला डाला,अब उम्रकैद Read more

पति था काला तो पत्नी ने पैट्रोल डाल कर जिंदा जला डाला,अब उम्रकैद Read more

EPISODE 77

कानपुर शहर के आचार्यनगर में रहने वाले बड़े कपड़ा कारोबारी मनीष कनौडिया के दसवीं क्लास में पढ़ने वाले 16 साल के बेटे कुशाग्र के कत्ल के मामले में मुल्जिमों से पुलिस की पूछताछ में ज ... Read more

कानपुर शहर के आचार्यनगर में रहने वाले बड़े कपड़ा कारोबारी मनीष कनौडिया के दसवीं क्लास में पढ़ने वाले 16 साल के बेटे कुशाग्र के कत्ल के मामले में मुल्जिमों से पुलिस की पूछताछ में जो बातें निकल कर आ रही हैं वो दिल को दहला देने वाली है...सबसे अफसोसनाक बात तो ये है कि ये काम उसकी ट्यूशन टीचर रही रचिता ने अपने प्रेमी और उसके दोस्त के साथ मिलकर किया..क्यों कि उन्हे बच्चे के अग़वा की एवज़ में परिवार से 30 लाख रुपये वसूलना था..और फिर शादी करके खूब घूमना फिरना और मस्ती मारना था...लेकिन कुशाग्र को अगवा करने के बाद उसे छोड़ने का इरादा इन लोगों का शुरु से नहीं था...वो पूरी प्लानिंग के तहत ये तय कर चुके थे...कि कुशाग्र को मारना ही मारना है...रचिता उसका आशिक प्रभात शुक्ला और शिवा कुशाग्र की लाश को छोटे टुकड़ों में काट पॉलिथीन बैग में भरकर ठिकाने लगाने वाले थे. Read more

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