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1: कड़क चाय, एपिसोड-1 | अपनी पुरखिनों के संघर्ष को सलाम करने का दिन है अंतर्राष्‍ट्रीय महिला दिवस
1: कड़क चाय, एपिसोड-1 | अपनी पुरखिनों के संघर्ष को सलाम करने का दिन है अंतर्राष्‍ट्रीय महिला दिवस
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Available Episodes

EPISODE 5

तयशुदा रास्‍तों पर चलने से बहुत अलग होता है, किसी नए रास्‍ते की खोज करना। ड्राइवर के बिना कभी खुद गाड़ी लेकर लंबी यात्रा पर निकलना या कभी किसी ऐसी जगह पर पहुंच जाना, जहां जाने का क ... Read more

तयशुदा रास्‍तों पर चलने से बहुत अलग होता है, किसी नए रास्‍ते की खोज करना। ड्राइवर के बिना कभी खुद गाड़ी लेकर लंबी यात्रा पर निकलना या कभी किसी ऐसी जगह पर पहुंच जाना, जहां जाने का कभी सपना भी नहीं देखा था। कड़क चाय के इस एपिसोड में सुजाता बता रहीं हैं औरतों के लिए क्‍यों जरूरी है घुमक्‍कड़ी। Read more

EPISODE 4

बात बस कपड़ों, अदाओं, घुटनों या राजनीतिक जुमलेबाजी की नहीं है, ये कुछ और मामला है। पुरुष पर बात हमेशा उसके संपूर्ण व्‍यक्तित्‍व की होती है, जबकि स्‍त्री के मामले में पहले उसके टुकड ... Read more

बात बस कपड़ों, अदाओं, घुटनों या राजनीतिक जुमलेबाजी की नहीं है, ये कुछ और मामला है। पुरुष पर बात हमेशा उसके संपूर्ण व्‍यक्तित्‍व की होती है, जबकि स्‍त्री के मामले में पहले उसके टुकड़े किए जाते हैं, फि‍र उनकी व्‍याख्‍या। तो आखिर कब से शुरू हुई स्‍त्री अंगों की ये लोकल–ग्‍लोबल प्रोसेसिंग, सुनते हैं हेल्‍थशॉट्स पॉडकास्‍ट कड़क चाय के इस एपिसोड में डॉ. सुजाता के साथ। Read more

EPISODE 3

निर्भया के अपराधियों को फांसी की मांग से लेकर वैवाहिक बलात्‍कार तक, कई बार बढ़ती बहस के बीच कोई अचानक बोल पड़ता है, ‘नॉट ऑल मैन’, यानी सब पुरुष ऐसे नहीं होते। इस बहस को रोकने वाला, ... Read more

निर्भया के अपराधियों को फांसी की मांग से लेकर वैवाहिक बलात्‍कार तक, कई बार बढ़ती बहस के बीच कोई अचानक बोल पड़ता है, ‘नॉट ऑल मैन’, यानी सब पुरुष ऐसे नहीं होते। इस बहस को रोकने वाला, मोड़ने वाला कौन था? आपका सहकर्मी, परिवार का कोई सदस्‍य या फि‍र आपका पार्टनर। तो सुनिए क्‍यों स्‍त्री अधिकार की राह में घातक हैं पुरुषों की ये भावनात्‍मक आपत्तियां। हेल्‍थ शॉट्स पॉडकास्‍ट ‘कड़क चाय’ के इस एपिसोड में सुजाता के साथ। Read more

EPISODE 2

सेक्‍स किन्‍हीं भी दो व्‍यक्तियों का नितांत निजी मामला है। पर इसमें दोनों की सहमति और आनंद मायने रखता है। वह रूठ न जाए, वह किसी और को न चाहने लग जाए, वह मेरा साथ न छोड दे या वे मुझ ... Read more

सेक्‍स किन्‍हीं भी दो व्‍यक्तियों का नितांत निजी मामला है। पर इसमें दोनों की सहमति और आनंद मायने रखता है। वह रूठ न जाए, वह किसी और को न चाहने लग जाए, वह मेरा साथ न छोड दे या वे मुझे अहसान फरामोश न मानने लग जाएं… इस तरह के दबाव जब आपको सेक्‍स के लिए तैयार करते हैं, तो यकीनन यह आपकी मेंटल हेल्‍थ को आज नहीं तो कल बहुत नुकसान पहुंचाने वाले हैं। कड़क चाय के इस तीसरे एपिसोड में सुजाता कर रहीं हैं सेक्‍स के लिए चालाकी से बनाए जाने वाले दबावों पर बात। Read more

EPISODE 1

शरीर के माप से लेकर कॅरियर, शादी और बच्‍चे पैदा करने की उम्र तक यहां बहुत सारे फ्रेम सेट कर दिए गए हैं, जो ये बताते हैं कि क्‍या सही है और क्‍या नहीं। पर इन सलाह देने वालों को सुजा ... Read more

शरीर के माप से लेकर कॅरियर, शादी और बच्‍चे पैदा करने की उम्र तक यहां बहुत सारे फ्रेम सेट कर दिए गए हैं, जो ये बताते हैं कि क्‍या सही है और क्‍या नहीं। पर इन सलाह देने वालों को सुजाता बता रही हैं कि कैसी होती है एक आजाद औरत की निर्मिति – हेल्‍थशॉट्स पॉडकास्‍ट कड़क चाय के इस दूसरे एपिसोड में। Read more

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