पिछले episode में हमने सुना कि भगीरथ ने ब्रम्हदेव को प्रसन्न किया और गंगा को धरती पर लाने की तैयारियाँ शुरू हुई। लेकिन केवल बड़ा लक्ष्य हासिल करना ही काफ़ी नहीं। उसके प्रभाव को बनाए ... Read more
पिछले episode में हमने सुना कि भगीरथ ने ब्रम्हदेव को प्रसन्न किया और गंगा को धरती पर लाने की तैयारियाँ शुरू हुई। लेकिन केवल बड़ा लक्ष्य हासिल करना ही काफ़ी नहीं। उसके प्रभाव को बनाए रखना ही सफलता का प्रतीक होता है। तो फिर सवाल ये उठता है कि जो गंगा अंतरिक्ष में आकाशगंगा अर्थात milky way बन कर बह रही थी, जिसके भयंकर प्रवाह से पूरी धरती डूब सकती थी, उसे पृथ्वी पर कैसे उतरा जाये? तब ब्रह्मदेव ने भगीरथ से कहा की इस काम में सिर्फ़ भोलेनाथ ही तुम्हारी मदत कर सकतें हैं। पर कैसे? आये जानतें हैं रामायण आज के लिए के इस episode में। Read more
कई सालों तक, जब राजा सगर को अपने 60,000 पुत्रों और अश्वमेध घोड़े की कोई सूचना नहीं मिली तब उन्होंने अपने पोते, अंशुमान को उन सबको ढूंढ निकालने का आदेश दिया। सारे सुरागों की जाँच-परत ... Read more
कई सालों तक, जब राजा सगर को अपने 60,000 पुत्रों और अश्वमेध घोड़े की कोई सूचना नहीं मिली तब उन्होंने अपने पोते, अंशुमान को उन सबको ढूंढ निकालने का आदेश दिया। सारे सुरागों की जाँच-परताल करने के बाद जब अंशुमान उस जगह पहुंचे जहाँ ऋषि कपिल ने उनके चाचाओं को भस्म किया था, तब उन्होंने अपने पूर्वजों को तर्पण या पानी देना चाहा। पर उन्हें वहाँ पानी का कोई स्त्रोत नहीं मिला। तब ब्रह्मदेव ने उन्हें गंगा को धरती पर लाने की सलाह दी। लेकिन जीवन बर तप करने के बावजूद उन्हें धरती पर गंगा लाने का कोई उपाय नहीं मिला। पीढ़ियों बाद भगीरथ ने इस काम को पूरा किया। पर कैसे, आये जानतें हैं इस episode में। Read more
राम के पूर्वज, सगर, इक्ष्वाकु कुल के जाने माने राजा थे। उनकी दो पत्नियाँ थीं - केशीनी और सुमति। राजा सगर को वरदान था कि उनकी एक पत्नी को ऐसा बेटा होगा जो इक्ष्वाकु कुल का वंश आगे ब ... Read more
राम के पूर्वज, सगर, इक्ष्वाकु कुल के जाने माने राजा थे। उनकी दो पत्नियाँ थीं - केशीनी और सुमति। राजा सगर को वरदान था कि उनकी एक पत्नी को ऐसा बेटा होगा जो इक्ष्वाकु कुल का वंश आगे बढ़ाएगा और दूसरी पत्नी को 60,000 पुत्र होंगे जो वीर और बलशाली तो होंगे पर वंश को आगे नहीं बढ़ा पाएंगे। और वही हुआ। एक पत्नी ने जन्म दिया असमंजस को जिनसे जना अंशुमन। पर दूसरी पत्नी के 60,000 पुत्रों की क़िस्मत उन्हें धरती के innermost core तथा ऋषि कपिल तक कैसे ले गयी? जानने के लिए सुनिए रामायण आज के लिए के इस episode को। Read more
राम और लक्ष्मा, कुछ मायनों में अभी भी बच्चे थे। वह 15 - 16 वर्ष के ही तो थे। उन्हें अपने गुरु विश्वामित्र की कहानियाँ सुनने में बड़ा मज़ा आता था। जब उन भाइयों ने गंगा के बारे में पूछ ... Read more
राम और लक्ष्मा, कुछ मायनों में अभी भी बच्चे थे। वह 15 - 16 वर्ष के ही तो थे। उन्हें अपने गुरु विश्वामित्र की कहानियाँ सुनने में बड़ा मज़ा आता था। जब उन भाइयों ने गंगा के बारे में पूछा तो विश्वामित्र ने बताया कि गंगा हिमालय की पुत्री थी, कि उनकी बहिन उमा या पार्वती, जो महादेव यानी शिव की पत्नी थी, और गंगा की माँ मेना, मेरु पर्वत की बेटी थीं। पर गंगा को त्रिपथगा को क्यों बुलाया जाता है? ऐसा क्यों कहा जाता है कि गंगा मनुष्य के पाप, उनके बुरे कर्म धो सकती है? और उनकी कहनी राम के पूर्वजों से कैसे जुड़ी है? जानने के लिए सुनिए रामायण आज के लिए के इस episode को। Read more
सिद्धाश्रम पहले विष्णु के अवतार वामन का आश्रम था और अब विश्वामित्र वहाँ रहते थे। वहीं उन्हें राम से मिलने का अंतर्ज्ञान मने intuition भी हुई। इस मायने से सिद्धाश्रम उतना ही राम का ... Read more
सिद्धाश्रम पहले विष्णु के अवतार वामन का आश्रम था और अब विश्वामित्र वहाँ रहते थे। वहीं उन्हें राम से मिलने का अंतर्ज्ञान मने intuition भी हुई। इस मायने से सिद्धाश्रम उतना ही राम का था, जितना की वह ऋषि विश्वामित्र का था। माना जाता था कि इस आश्रम में किया हुआ कोई भी काम विफल नहीं जाता था। पर मारीच और सुभाहु, इन दोनों राक्षसों ने यहाँ भी ऋषियों की नाक में दम करे रखा हुआ था। इस episode में आइए पता लगतें हैं कि कैसे राम और लक्ष्मा ने उन्हें हराया, और उसके बाद वह तीनों कहाँ जाने के लिए तैयार हुए? Read more
राम विष्णु के अवतार थे, विद्वान थे, अपराजेय या invincible थे। ऐसी स्थिति में कोई भी मनुष्य घमंडी बन सकता है। उसमें एक superiority complex आ सकता है। लेकिन अय्तंत शक्ति का होना भी ए ... Read more
राम विष्णु के अवतार थे, विद्वान थे, अपराजेय या invincible थे। ऐसी स्थिति में कोई भी मनुष्य घमंडी बन सकता है। उसमें एक superiority complex आ सकता है। लेकिन अय्तंत शक्ति का होना भी एक बड़ी ज़िम्मेदारी का काम है। वह कहते है ना - With great power comes great responsibility - शायद Spiderman का ये quote राम से ही inspired है। क्यूँकि सारी विद्याएं प्राप्त करने के बाद, राम ने अपने गुरु, ऋषि विश्वामित्र से एक ऐसा सवाल पुछा, जो सिर्फ एक उच्चतम मानव या पुरुषोत्तम ही पूछ सकता है। वह सवाल क्या था? विष्णु के दशावतार कौन थे और वह evolution से कैसे जुड़ें हैं? आइए जानते हैं इस episode में। Read more
कंदर्प आश्रम और सरयू-गंगा के मिलाप से आगे बढ़कर, राम, लक्ष्मण तथा ऋषि विश्वामित्र एक ख़तरनाक जंगल पहुंचे। वैसे तो वह जंगल बहुत ही घाना था। वहाँ बिल्व, कुकुभ, बद्री जैसे पेड़ उग रहे थे ... Read more
कंदर्प आश्रम और सरयू-गंगा के मिलाप से आगे बढ़कर, राम, लक्ष्मण तथा ऋषि विश्वामित्र एक ख़तरनाक जंगल पहुंचे। वैसे तो वह जंगल बहुत ही घाना था। वहाँ बिल्व, कुकुभ, बद्री जैसे पेड़ उग रहे थे। पर वहाँ का वायुमंडल बहुत डरावना था। वहाँ की हवा बड़ी ही बदगुमान यानी unpleasant थी। उस जंगल में ताड़का नाम की एक राक्षसी का जो वास था। ताड़का वहाँ पर आते जाते सभी मनुष्यों तथा पशु पक्षियों पर हावी थी। ऋषि विश्वामित्र ने राम और लक्ष्मण को उसका वध करने का आदेश दिया। पर शास्त्रों में तो औरतों पर वार करना वर्जित या forbidden था। तो ऋषि विश्वामित्र ने राम को ताड़का का वध करने के लिए कैसे मनाया? उन्हें अपने comfort zone से क्यों बहार निकला? जानिए रामायण आज के लिए के इस episode में। Read more
ऋषि विश्वामित्र ये जानते थे कि आगे बढ़कर दोनों राजकुमारों, राम और लक्ष्मण को बहुत तकलीफ़ झेलनी होगी। इस लिए वह उनमें जंगल में रहने की आदत दाल रहे थे। दोनों राजकुमार बाकी शिष्यों की त ... Read more
ऋषि विश्वामित्र ये जानते थे कि आगे बढ़कर दोनों राजकुमारों, राम और लक्ष्मण को बहुत तकलीफ़ झेलनी होगी। इस लिए वह उनमें जंगल में रहने की आदत दाल रहे थे। दोनों राजकुमार बाकी शिष्यों की तरह गुरु की सेवा करते, रात भर मिट्टी के फर्श पर लगाई चटाई पर सोते, सुबह उठकर नदी से पानी लाते, लकड़ियाँ इखट्टी करते, हवन पूजा करते और फिर मीलों पैदल चलते। चलते चलते तीनो गंगा के तट पर आ पहुंचे जहाँ से वह नाव में बैठकर सफ़र करने लगे। जब वह थोड़ी दूर पहुंचे तो राम ने एक भयंकर आवाज सुनी, जैसे लहरें ज़ोरों से एक दूसरे से टकरा रही हो। उन्होंने विश्वामित्र से कारण पूछा। विश्वामित्र ने जवाब में उन्हें नदियों के संगम के बारे में बताया। वह नदिया कौनसी थी और हमारी संस्कृति में संगम का क्या महत्व है कि इस concept को Shang Chi जैसी movies में भी दर्शाया गया है? जानने के लिए सुनिए यह episode. Read more
राम अब 16 वर्ष के हो गए थे और ऋषि विश्वामित्र के आगमन के साथ उनकी कहानी और भी रोमाँचक होने वाली थी। दशरथ को अपने पुत्रों पर बहुत अभिमान था, उनसे बहुत लगाव भी था। दशरथ के चारों पुत् ... Read more
राम अब 16 वर्ष के हो गए थे और ऋषि विश्वामित्र के आगमन के साथ उनकी कहानी और भी रोमाँचक होने वाली थी। दशरथ को अपने पुत्रों पर बहुत अभिमान था, उनसे बहुत लगाव भी था। दशरथ के चारों पुत्रों की शिक्षा या education राजमहल में ही हुई। जैसे जैसे वह बड़े होते गए, राजा दशरथ ने राजगुरु से इन चारों राजकुमारों के विवाह की बात करी। ऐसे में एक विशेष मेहमान राज भवन में पहुँचे। ऋषि विश्वामित्र एक बहुत ही प्रभावशाली, शक्तिशाली ऋषि थे। पर क्या वह राम और लक्ष्मण के विवाह की बात करने आये थे, या उन्हें अपने साथ ले जाने आये थे? और अगर वह उन्हें अपने साथ ले जाने आये थे तो राजा दशरथ ये बात सुनकर मूर्छित या faint क्यों हो गए थे? जानने के लिए सुनिए रामायण आज के लिए के इस episode को। Read more
यहाँ राम की अनोखी amazing सेना तैयार हुई और वहाँ, अयोध्या में, राम और उनके भाइयों का जन्म। छः ऋतुओं या बारह महीनों के बाद, lunar calendar के चैत्र महीने में महारानी कौशल्या के घर ... Read more
यहाँ राम की अनोखी amazing सेना तैयार हुई और वहाँ, अयोध्या में, राम और उनके भाइयों का जन्म। छः ऋतुओं या बारह महीनों के बाद, lunar calendar के चैत्र महीने में महारानी कौशल्या के घर राम का जन्म हुआ। कैकई के घर भरत पैदा हुए। तथा सुमित्रा के घर शत्रुघ्न और लक्ष्मण, यह जुड़वा बच्चे पैदा हुए।भरत का जन्म पुष्य नक्षत्र में और लक्ष्मण तथा शत्रुघ्न का जन्म आश्लेषा नक्षत्र में हुआ। कमाल की बात ये है कि आज भी चैत्र महीने के नौवे दिन हम रामनवमी मानते हैं। पर solar calendar के मुताबिक़ राम की जन्म तिथि क्या है? जानने के लिए tune into this episode. और जानकारी के लिए पढ़ें: https://www.amazon.in/Dating-Era-Lord-Pushkar-Bhatnagar/dp/8129104989 Read more