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मंथरा कौन थीं?
मंथरा कौन थीं?
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Available Episodes

EPISODE 81

भरत ने राम के प्रतिक को कैसे अयोध्या का शाषक बनाया और कैसे अपने भाई को मानाने के सरे प्रियासो के बाद भरत सभी अयोध्यावासियो के साथ बापस लौट गए? बापस जाते वक़्त उन्होंने किस जगह पर वि ... Read more

भरत ने राम के प्रतिक को कैसे अयोध्या का शाषक बनाया और कैसे अपने भाई को मानाने के सरे प्रियासो के बाद भरत सभी अयोध्यावासियो के साथ बापस लौट गए? बापस जाते वक़्त उन्होंने किस जगह पर विश्राम करने को चुना? जानिए रामायण आज के लिए के इस एपिसोड में कविता पौडवाल के साथ। Read more

EPISODE 80

राम को पिता का रिण चुकाने की जिद्द पर , ऋषि ने राम को क्या तर्क दिया? आखिर राम को वनवास ना करने के लिए बाकी किन तर्कों का इस्तेमाल किया गया और अंत में श्री राम ने कैसे अपना निर्णय ... Read more

राम को पिता का रिण चुकाने की जिद्द पर , ऋषि ने राम को क्या तर्क दिया? आखिर राम को वनवास ना करने के लिए बाकी किन तर्कों का इस्तेमाल किया गया और अंत में श्री राम ने कैसे अपना निर्णय बनाया? जानिए रामायण आज के लिए के इस एपिसोड में कविता पौडवाल के साथ। Read more

EPISODE 79

राजा दशरथ के वचन को सर्वोत्तम मान कर राम ने कैसे भरत के सारे तर्कों को नाकारा और कैसे भरत को बापस अयोध्या जाकर राज-पाठ सँभालने के लिए मनाया? जानिये रामायण आज के लिए के इस एपिसोड मे ... Read more

राजा दशरथ के वचन को सर्वोत्तम मान कर राम ने कैसे भरत के सारे तर्कों को नाकारा और कैसे भरत को बापस अयोध्या जाकर राज-पाठ सँभालने के लिए मनाया? जानिये रामायण आज के लिए के इस एपिसोड में कविता पौडवाल के साथ। Read more

EPISODE 78

राजा दशरथ के देहांत के बाद कैसे किया श्री राम ने विलाप और उनके कठिन समय में कौन उन्हें शांत करवाने के लिए आया? भारत के लाख मानाने के बाद भी राम ने भारत को कैसे अयोध्या का सिंघासन ल ... Read more

राजा दशरथ के देहांत के बाद कैसे किया श्री राम ने विलाप और उनके कठिन समय में कौन उन्हें शांत करवाने के लिए आया? भारत के लाख मानाने के बाद भी राम ने भारत को कैसे अयोध्या का सिंघासन लेने के लिए मनाया? जानिये रामायण आज के लिए के इस एपिसोड में। Read more

EPISODE 77

राज्य की पूछताछ करने के बाद, राम ने भरत से पुछा की वह राजकीय भेस छोड़कर वनवासियों के भेस में उनसे मिलने क्यों आए हैं। जवाब में भारत ने अपनी माँ कैकेई के किए पर शर्मिंदगी जताई। उन्हो ... Read more

राज्य की पूछताछ करने के बाद, राम ने भरत से पुछा की वह राजकीय भेस छोड़कर वनवासियों के भेस में उनसे मिलने क्यों आए हैं। जवाब में भारत ने अपनी माँ कैकेई के किए पर शर्मिंदगी जताई। उन्होंने इस बात को भी स्वीकारा कि वह अयोध्या के सिंघासन पर नहीं बैठना चाहते और उन्हें शासन करने में कोई दिलचस्पी नहीं थी। साथ ही नियमों और आयु के अनुसार राम ही राजा बनने के योग्य थे। ऐसा कहकर भरत ने राम से अयोध्या वापस चलकर अपना स्थान लेने की विनती करी। फिर उन्होंने राम को ऐसी बात बताई की राम के पैरों तले ज़मीन निकल गयी। वह बात क्या थी और उसका राम पर क्या प्रभाव पढ़ा? आइए जानतें हैं इस episode में। Read more

EPISODE 76

पिछले episode में हमने सुना कि चित्रकूट में राम भरत को अपनी प्रजा में विश्वास यानी trust और निष्ठा यानी loyalty कैसे बनाए रखते है, वह सीखा रहे थे। इस episode में सुनिए की कैसे राम ... Read more

पिछले episode में हमने सुना कि चित्रकूट में राम भरत को अपनी प्रजा में विश्वास यानी trust और निष्ठा यानी loyalty कैसे बनाए रखते है, वह सीखा रहे थे। इस episode में सुनिए की कैसे राम ने भरत को लोगों के स्वाभाविकता, उनकी पेहचान करना सिखाया? उन्होंने राजकीय और समाजिक सुरक्षा का महत्व कैसे बताया? फिर राम ने संपत्ति निर्माण और अर्थव्यवस्था को आगे कैसे बढ़ाया जाए, इसका पाठ पढ़ाया। उन्होंने भारत को यह भी सलाह दी कि पारिस्थितिकी तंत्र यानी ecosystem को कैसे बनाए रखा जाए। अगर आप नेतृत्व कौशल अर्थात leadership skills सीखना चाहतें हैं तो रामायण आज के लिए के इस episode को ज़रूर सुनें। Read more

EPISODE 75

आख़िर वह दिन आ ही गया जिसके लिए भरत ने जी-तोड़ मेहनत करी थी। भरत को राम मिल गए थे। इतने दिनों से वह इस विचार में विवश थे कि वह राम के अपराधी थे और उनकी वजह से राम को वनवास मिला था। इ ... Read more

आख़िर वह दिन आ ही गया जिसके लिए भरत ने जी-तोड़ मेहनत करी थी। भरत को राम मिल गए थे। इतने दिनों से वह इस विचार में विवश थे कि वह राम के अपराधी थे और उनकी वजह से राम को वनवास मिला था। इस लिए भरत राम को देखते ही उनके पैरों में गिर गए। पर राम ने अपने छोटे भाई को उठाकर गले से लगाया और एक छोटे बच्चे की तरह उन्हें गोद में बिठाया। वह भरत के लिए खुश थे क्योंकि उन्होंने समझा की पिता दशरथ ने भरत को अब अयोध्या का राजा बना दिया है। राम ने बड़े प्रेम और सम्मान से भारत से उनका हाल पुछा। आइए सुनतें हैं राम और भरत का संवाद रामायण आज के लिए के इस episode में। Read more

EPISODE 74

चित्रकूट में राम के आश्रय के पास पहुँचने पर भरत ने अपनी सेना को वहीँ तैनात रहने का आदेश दिया। साथ ही उन्होंने शत्रुघ्न से कह कर अपनी माँओं को बुलवाया और खुद ओर पैदल निकल गए। कुछ द ... Read more

चित्रकूट में राम के आश्रय के पास पहुँचने पर भरत ने अपनी सेना को वहीँ तैनात रहने का आदेश दिया। साथ ही उन्होंने शत्रुघ्न से कह कर अपनी माँओं को बुलवाया और खुद ओर पैदल निकल गए। कुछ देर चलने पर उन्हें राम, सीता और लक्ष्मण की बहुत ही साधारण सी कुटिया दिखी। जब वह कुटिया के द्वार तक पहुँचे तो उन्होंने क्या देखा? राम भरत को कहाँ और किस हाल में मिले? और राम से मिलने पर भरत ने सबसे पहले क्या काम किया? आइए जानतें हैं रामायण आज के लिए के इस episode में। Read more

EPISODE 73

ऋषि भारद्वाज के बताए हुए रास्ते से जब भरत, अपने परिवार, अयोध्या वासी और सेना के साथ, मंदाकिनी नदी तक पहुँचे तब उन्हें समझ में आ गया था कि अब चित्रकूट पर्वत दूर नहीं। उन्होंने अपनी ... Read more

ऋषि भारद्वाज के बताए हुए रास्ते से जब भरत, अपने परिवार, अयोध्या वासी और सेना के साथ, मंदाकिनी नदी तक पहुँचे तब उन्हें समझ में आ गया था कि अब चित्रकूट पर्वत दूर नहीं। उन्होंने अपनी सेना को राम, लक्ष्मण और सीता की कुटिया ढूंढ़ने के लिए आगे भेजा। वहीँ दूसरी तरफ़ राम और सीता चित्रकूट की सुंदरता का आनंद ले रहे थे कि अचानक उन्हें दूर से मनो धूल का बदल नज़र आया। राम ने लक्ष्मण को जाँच-पड़ताल करने के लिए भेजा। जब उन दोनों को ये समझ में आया की उनकी ओर, और कोई नहीं, पर भरत, अपनी सेना के साथ, बढ़ रहे थे, तब उनके मन में किस प्रकार के संदेह, विचार और आशाएँ उत्पन्न हुईं आए जानतें हैं रामायण आज के लिए के इस episode में। Read more

EPISODE 72

ऋषि भारद्वाज ने तप करके दिव्य वास्तुकार यानी divine architect विश्वकर्मा, कुबेर यानी god of wealth, वरुण अर्थात god of wind और याम को बुलाया। ताकि वह सब अयोध्या वासियों के रेहेन-से ... Read more

ऋषि भारद्वाज ने तप करके दिव्य वास्तुकार यानी divine architect विश्वकर्मा, कुबेर यानी god of wealth, वरुण अर्थात god of wind और याम को बुलाया। ताकि वह सब अयोध्या वासियों के रेहेन-सेहेन, खाने-पीने का प्रबंध कर सकें। फिर उन्होंने संगीत और नृत्य में निपुण गंधर्वों और अप्सराओं को बुलाया। सभी देवी देवताओं की मद्दत से ऋषि भारद्वाज का रचाया ये अनुभव किसी चमत्कार से कम नहीं था। इस episode में, आए सुनतें हैं की किस तरह इस अनुभव ने अयोध्या से आये सभी यात्रियों की मानसिक तथा शारीरिक थकान दूर करी। Read more

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