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रामायण को लिखने के लिए श्री वाल्मीकि की रचनात्मकता का क्या स्रोत था?
रामायण को लिखने के लिए श्री वाल्मीकि की रचनात्मकता का क्या स्रोत था?
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Available Episodes

EPISODE 11

यहाँ राम की अनोखी amazing सेना तैयार हुई और वहाँ, अयोध्या में, राम और उनके भाइयों का जन्म। छः ऋतुओं या बारह महीनों के बाद, lunar calendar के चैत्र महीने में महारानी कौशल्या के घर ... Read more

यहाँ राम की अनोखी amazing सेना तैयार हुई और वहाँ, अयोध्या में, राम और उनके भाइयों का जन्म। छः ऋतुओं या बारह महीनों के बाद, lunar calendar के चैत्र महीने में महारानी कौशल्या के घर राम का जन्म हुआ। कैकई के घर भरत पैदा हुए। तथा सुमित्रा के घर शत्रुघ्न और लक्ष्मण, यह जुड़वा बच्चे पैदा हुए।भरत का जन्म पुष्य नक्षत्र में और लक्ष्मण तथा शत्रुघ्न का जन्म आश्लेषा नक्षत्र में हुआ। कमाल की बात ये है कि आज भी चैत्र महीने के नौवे दिन हम रामनवमी मानते हैं। पर solar calendar के मुताबिक़ राम की जन्म तिथि क्या है? जानने के लिए tune into this episode. और जानकारी के लिए पढ़ें: https://www.amazon.in/Dating-Era-Lord-Pushkar-Bhatnagar/dp/8129104989 Read more

EPISODE 10

भगवन विष्णु ने घोषणा की कि वह राजा दशरथ के पुत्रों के रूप में जन्म लेंगे और रावण का वध करेंगे। यह तो हम सब जानते हैं कि किसी भी बड़े क्रन्तिकारी काम या revolution के लिए लोगों को स ... Read more

भगवन विष्णु ने घोषणा की कि वह राजा दशरथ के पुत्रों के रूप में जन्म लेंगे और रावण का वध करेंगे। यह तो हम सब जानते हैं कि किसी भी बड़े क्रन्तिकारी काम या revolution के लिए लोगों को साथ लेकर चलना ज़रूरी है। एक अच्छी team का होना महत्वपूर्ण है। वैसे ही भगवान विष्णु ने सभी देवताओं से कहा कि वह उनके साथ पृथ्वी पर जन्म लें और रावण का नाश करने में उनकी मदद करें। जवाब में सभी देवगण अपनी शक्ति सहित वानर रूप में जन्म लेने के लिए तैय्यार हुए बिलकुल Planets of the Apes के characters की तरह। हनुमान, वाली, सुग्रीव यह नाम तो हम जानते हैं पर ये कौनसे देवों के अवतार है, जानिए रामायण आज के लिए के इस episode में। Read more

EPISODE 9

पृथ्वी पर, अश्वमेध यज्ञ के अंत की और, जब राजा दशरथ ने पवित्र अग्नि में आहुति दी तब उस आग से एक तेजस्वी सृजन या ethereal being बाहर आए। उन्होंने दशरथ से कहा कि मैं वैकुंठ लोक से भगव ... Read more

पृथ्वी पर, अश्वमेध यज्ञ के अंत की और, जब राजा दशरथ ने पवित्र अग्नि में आहुति दी तब उस आग से एक तेजस्वी सृजन या ethereal being बाहर आए। उन्होंने दशरथ से कहा कि मैं वैकुंठ लोक से भगवान विष्णु का संदेश लेकर आया हूं। तुम्हारा अश्वमेध यज्ञ सफल रहा। आशीर्वाद स्वरूप तुम्हें यह पायसम भेजा गया है। इसे खाने से तुम्हे उत्तम स्वास्थ्य मिलेगा और तुम्हारी पत्नियों को इस ही प्रसाद से संतति मिलेगी। तीनो पत्नियों में एक समान बांट देना। परंतु क्या वह पायसम या खीर तीनो पत्नियों में बराबर बांटी गई? और देवी देवता गणों ने अदृश्य रहा कर भी, उनको चढ़ाया प्रसाद कैसे ग्रहण किया? जानिए इस episode में। Read more

EPISODE 8

राजा दशरथ के पुत्र प्राप्ति के लिए, ऋषि ऋष्यश्रृंगा द्वारा किया, अश्वमेध यज्ञ इतना ताकतवर था कि, स्वर्ग में, देवी, देवता, गंधर्वा और सिद्ध अपना भाग या offerings लेने खुद पहुंचे। सा ... Read more

राजा दशरथ के पुत्र प्राप्ति के लिए, ऋषि ऋष्यश्रृंगा द्वारा किया, अश्वमेध यज्ञ इतना ताकतवर था कि, स्वर्ग में, देवी, देवता, गंधर्वा और सिद्ध अपना भाग या offerings लेने खुद पहुंचे। साक्षात ब्रह्मा भी वहाँ आए। तब सभी ने सृष्टि के रचयिता ब्रह्मा देव को अपनी तकलीफ़ सुनाई। उन्होंने कहा की रावण नाम के दैत्य ने तीनों लोकों में त्राहि-त्राहि मचाई था। ब्रह्मदेव के दीए वर से रावण इतना शक्तिशाली बन गया था कि सूरज भी उसे जला नहीं पाता, समंदर की लहरें उसे देख कर रुक जाती थी। देवों ने ब्रह्मदेव से ही प्रार्थना की कि इस राक्षस को रोकने के लिए कोई उपाय निकालें। वह उपाय क्या था और श्री राम का इस उपाय से क्या संभंध था, जानने के लिए इस episode को सुनें। Read more

EPISODE 7

उन दिनों प्रकृति को देवी देवताओं की तरह पूजा जाता था। उनसे यज्ञों, मंत्रो और ध्यान के ज़रिये communicate यानी संचार किया जाता था। अकाल पढ़ने पर वरुण देवता की पूजा की जाती थी। अधिक बा ... Read more

उन दिनों प्रकृति को देवी देवताओं की तरह पूजा जाता था। उनसे यज्ञों, मंत्रो और ध्यान के ज़रिये communicate यानी संचार किया जाता था। अकाल पढ़ने पर वरुण देवता की पूजा की जाती थी। अधिक बारिश होने पर इंद्रा देव को पूजा जाता था। राज्य की सीमाओं को बढ़ने के लिए, अपनी शक्ति का परिमाण देने के लिए या संतान के लिए अश्वमेध यज्ञ कराया जाता था। अश्व यानी घोड़ा। एक वर्ष के लिए इस घोड़े को पास पड़ोस के राज्यों में भर्मण करने के लिए खुला छोड़ दिया जाता था। फिर? फिर क्या हुआ आप खुद ही सुन लीजिये। Tune in to this episode now. Read more

EPISODE 6

दशरथ एक बहुत ही समृद्ध राजा थे पर उन्हें कोई पुत्र नहीं था। उन दिनों एक राजा की ज़िम्मेदारी होती थी की वह अपने वंश को आगे बढ़ने के लिए पुत्र पैदा करें। बहुत सोच विचार के बाद, राजा दश ... Read more

दशरथ एक बहुत ही समृद्ध राजा थे पर उन्हें कोई पुत्र नहीं था। उन दिनों एक राजा की ज़िम्मेदारी होती थी की वह अपने वंश को आगे बढ़ने के लिए पुत्र पैदा करें। बहुत सोच विचार के बाद, राजा दशरथ ने अपने सारथि सुमंत्र की सलाह मांगी। जवाब में सुमंत्र ने उन्हें ऋषि ऋष्यश्रृंगा की कहानी सुनाई, जिसे सुनकर राजा दशरथ को यक़ीन हो गया कि ऋषि ऋष्यश्रृंग ही उनकी मदत कर सकतें हैं। पर कैसे? और क्या ऋष्यश्रृंग का अस्तित्व हमारे आज के भारत में मौजूद है? आइए जानते हैं इस episode में। Read more

EPISODE 5

एक समृद्ध राजा administration यानी प्रशासन में तो निपुण होता ही है, साथ ही वह अपने और अपनी प्रजा के जीवन में एक balance बना कर रखता है। वह धर्म अर्थ काम तीनों का महत्व समझता है। धर ... Read more

एक समृद्ध राजा administration यानी प्रशासन में तो निपुण होता ही है, साथ ही वह अपने और अपनी प्रजा के जीवन में एक balance बना कर रखता है। वह धर्म अर्थ काम तीनों का महत्व समझता है। धर्म यानी हर एक नागरिक की responsibility अर्थात उत्तरदायित्व, अर्थ मने हर इंसान को अपने जीवन जीने जीने के लिए पर्यात्प पैसे होना और काम का अर्थ है passion. अपना जीवन अपने पति/ पत्नी तथा परिवार के साथ व्यतीत करने के लिए रूचि होना। आइए जानते है, राजा दशरथ ने अपनी प्रजा के लिए इन तीनो गुणों को कैसे संभाले रखा। Read more

EPISODE 4

ऋषि बाल्मीकि ने राम की कहानी पर आधारित एक ख़ूबसूरत काव्य की रचना की। जिसमें जीवन के सभी अलग-अलग रस थे। रिश्ते, समाज, अर्थ व्यवस्था। राजा को कैसा होना चाहिए। प्रजा को कैसा होना चाहिए ... Read more

ऋषि बाल्मीकि ने राम की कहानी पर आधारित एक ख़ूबसूरत काव्य की रचना की। जिसमें जीवन के सभी अलग-अलग रस थे। रिश्ते, समाज, अर्थ व्यवस्था। राजा को कैसा होना चाहिए। प्रजा को कैसा होना चाहिए। यह सारी बातें इस महाकाव्य में लिखी गयीं। उन दिनों में literature और शास्त्रों का अभ्यास एक विशेष लय और मात्रा में किया जाता था। और गुरुकुलों यानी schools में इस oral tradition को बनाये रखने की training दी जाती। पर रामायण जैसा महाकाव्य सबसे पहले किसको सिखाया जाये? कौन इसको आगे ले जाने के लिए योग्य है? आइए जानते हैं इस episode में। Read more

EPISODE 3

इस episode में podcast host, Kavita Paudwal, ऐसे प्रमाण या proofs के बारे में चर्चा करतीं हैं, जो राम और रामायण की वास्तविकता का प्रतीक हो सकतें हैं। वह यहाँ astronomy और भाषा दोनो ... Read more

इस episode में podcast host, Kavita Paudwal, ऐसे प्रमाण या proofs के बारे में चर्चा करतीं हैं, जो राम और रामायण की वास्तविकता का प्रतीक हो सकतें हैं। वह यहाँ astronomy और भाषा दोनों का उदहारण देतीं हैं। आपको बता दें, कि इस प्रकार का trivia आपको आने वाले episodes में भी सुनने को मिलेगा। ख़ैर, ध्यान में रखने वाली बात तो ये है, कि चाहे रामायण एक सत्य घटना थी या नहीं, इस बात से हमारे जीवन में उसके फ्रभाव पर कोई असर नहीं पढ़ना चाहिए। रामायण हमारे मार्गदर्शन के लिए बानी है और इस ही उद्देश्य से ये podcast series रची गयी है। Read more

EPISODE 2

पूरी दुनिया में रामायण के कम से कम 224 versions मौजूद हैं। लेकिन original यानि मूल रामायण वाल्मीकि रामायण को ही मन जाता है, जो संस्कृत में लिखी गयी है। पर मज़े की बात तो ये है कि अस ... Read more

पूरी दुनिया में रामायण के कम से कम 224 versions मौजूद हैं। लेकिन original यानि मूल रामायण वाल्मीकि रामायण को ही मन जाता है, जो संस्कृत में लिखी गयी है। पर मज़े की बात तो ये है कि असली कहानी वाल्मीकि जी ने रची ही नहीं। ये कहानी बहुत पुरानी है। सनातन philosophy में हम समय को एक cycle की तरह नापते हैं। उसे कालचक्र कहा जाता है। माना जाता है कि काल्चक्र मे जितनी बार त्रेता युग आया उतनी बार राम ने इस पृथ्वी पर जन्म लिया और रामायण घाटी। पर ऋषि वाल्मीकि ने ये कहानी कहाँ सुनी और क्यों लिखी? रामायण इतनी universal और प्रासंगिक क्यों है? आइए जानते हैं इस episode में। Read more

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