रामायण को लिखने के लिए श्री वाल्मीकि की रचनात्मकता का क्या स्रोत था?
श्री वाल्मीकि को नारद मुनि ने राम की कहानी सुनाई। जिसके बाद उन्हें एक योगिक शक्ति प्राप्त हुई, जिससे उन्होंने पूरी रामायण को दिव्य दृष्टि से साफ़ साफ़ देखा। इस शक्ति को clairvoyance भी कहा जा सकता है। पर कहानी लिखने से पहले उनका सामना एक शिकारी से हुआ। इस मुलाक़ात के दौरान, वाल्मीकि जी ने एक ऐसा छंद बोला, जिसे बोलने से उन्हें बहुत दुख हुआ। पर वही छंद, आगे चल कर, रामायण का आधार कैसे बना? कैसे वह, वाल्मीकि जी की creativity यानी रचनात्मकता का source अर्थात स्रोत कैसे बना? आइए जानते हैं इस episode में।
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