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सुग्रीव और राम ने मित्रता निभाने की शपथ ली
सुग्रीव और राम ने मित्रता निभाने की शपथ ली
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Available Episodes

EPISODE 51

सुमंत्र अब राम, लक्ष्मण और सीता के साथ कुल्हाड़ी, टोकरी और सीता का श्रीधन लेकर रथ पर सवार हो गए। सारे अयोध्या वासी अपनी उलझन और उदासी में रथ के पीछे भागने लगे। दशरथ भी अपने आपको रोक ... Read more

सुमंत्र अब राम, लक्ष्मण और सीता के साथ कुल्हाड़ी, टोकरी और सीता का श्रीधन लेकर रथ पर सवार हो गए। सारे अयोध्या वासी अपनी उलझन और उदासी में रथ के पीछे भागने लगे। दशरथ भी अपने आपको रोक न पाए। यह देख राम ने सुमंत्र से प्रार्थना की, कि वह रथ भगाकर अयोध्या से बहार ले जाएँ। उन्होंने ऐसा क्यों किया? पीछे मुड़कर भी नहीं देखा? उनके जाने से पशु-पक्षी और प्रकृति पर क्या असर पढ़ा? आइए जानतें है रामायण आज के लिए के इस epsiode में। Read more

EPISODE 50

जो राम अयोध्या के सिंघासन पर भैठने वाले थे, वह छाल के कपड़े पहनकर अपनी पत्नी के साथ वनवास जा रहे थे। अयोध्या वासियों, दशरथ, कौशल्या सभी ने सपने में भी नहीं सोचा होगा की ऐसा दिन आएगा ... Read more

जो राम अयोध्या के सिंघासन पर भैठने वाले थे, वह छाल के कपड़े पहनकर अपनी पत्नी के साथ वनवास जा रहे थे। अयोध्या वासियों, दशरथ, कौशल्या सभी ने सपने में भी नहीं सोचा होगा की ऐसा दिन आएगा। राम के जाने के लिए सोने का रथ और सुंदर घोड़े मँगवाए गए। सीता के साथ 14 वर्षों तक पूरा पढ़े, इतने गहनें कपड़े भेजे गए। यह दृश्य किसी movie के scene की तरह था, किसी बारात की तरह लग रहा था, लेकिन किसी के चेहरे पर खुशी ना थी। ऐसे में कौशल्या ने अपने बेटे और बहु को क्या सलाह दी? राम ने उनसे, अपने पिता दशरथ को लेकर, क्या अनुरोध किया? लक्ष्मण और सुमित्रा के बीच ऐसी क्या बातचीत हुई जिसका मान रखने के लिए लक्ष्मण आज भी जाने जातें हैं? आइए सुनते हैं, इस episode में। Read more

EPISODE 49

जब दशरथ ने राम की सुरक्षा और सुविधा के लिए सेना और धन भेजने की बात करी तब कैकेई और भी नाराज़ हो गयी। वह राम की दुष्ट राजकुमार असमंजस से तुलना करने लगी। तब राम ने एक बहुत समझदारी की ... Read more

जब दशरथ ने राम की सुरक्षा और सुविधा के लिए सेना और धन भेजने की बात करी तब कैकेई और भी नाराज़ हो गयी। वह राम की दुष्ट राजकुमार असमंजस से तुलना करने लगी। तब राम ने एक बहुत समझदारी की बात करी। उन्होंने कुल्हाड़ी, टोकरी और छाल के वस्त्र मँगवाए - वह चीज़ें जो केवल वन में काम आतीं हैं। लेकिन सीता ने जब राम की मद्दत से वह वस्त्र पहने तब उन्हें तकलीफ़ भी हुई और शर्म भी आई। इस अपमान के विरोध में सारी सभा और ऋषि विश्वामित्र ने कैकेई को कैसे धिक्कारा? और फिर भी राम वनवास जाने के लिए दृढ़ क्यों थे? चलिए पता लगतें हैं इस episode में। Read more

EPISODE 48

राम, लक्ष्मण और सीता को विदा करने के लिए, अयोध्या नरेश दशरथ और उनकी 350 पत्नियाँ सभा में उपस्थित हुए। दशरथ के मित्र और सार्थी सुमंत्र भी वह मौजूद थे, जो अब अपने अंदर के उबाल को और ... Read more

राम, लक्ष्मण और सीता को विदा करने के लिए, अयोध्या नरेश दशरथ और उनकी 350 पत्नियाँ सभा में उपस्थित हुए। दशरथ के मित्र और सार्थी सुमंत्र भी वह मौजूद थे, जो अब अपने अंदर के उबाल को और रोक नहीं पाए। उन्होंने वह सारी बातें रानी कैकेई से कहीं जो दशरथ नहीं कहे पाए। वह बातें क्या थीं? कैकेई ने जवाब में क्या कहा? दशरथ ने सुमंत्र को ऐसा क्या आदेश दिया जिसकी वजह से कैकेई फिर नाराज़ हो गयी? आए सुनतें हैं रामायण आज के लिए के इस episode में। Read more

EPISODE 47

दशरथ की अयोध्या का ऐश्वर्य अतुल्य था। ऐसा ऐश्वर्य जिनके पास हो, वह केवल अपने पिता की एक आज्ञा पर, सब छोड़कर, वन में रहे, यह आसान नहीं था। पर इतना ही नहीं, ऐसी परिस्थिति में व्यवहारा ... Read more

दशरथ की अयोध्या का ऐश्वर्य अतुल्य था। ऐसा ऐश्वर्य जिनके पास हो, वह केवल अपने पिता की एक आज्ञा पर, सब छोड़कर, वन में रहे, यह आसान नहीं था। पर इतना ही नहीं, ऐसी परिस्थिति में व्यवहारात्मक यानि practical होकर, आने वाले समय की अचूक यानि foolproof तैयारियाँ करना, यही राम के गुण थे। सारा दान धर्म करने के बाद जब राम, लक्ष्मण और सीता अपने पिता से मिलने निकले तो प्रजा ने क्या कहा? दशरथ, एक राजा और एक पिता होने के नाते किस हाल में थे? वह राम को कैसे विदा करना चाहते थे? आइए इस दुखद घटना का अनुभव करें इस episode में। Read more

EPISODE 46

वैसे तो राम की हर बात उनकी पत्नी सीता मानती थीं। लेकिन अपने पति से अलग होकर रहना उन्हें गवारा ही नहीं था। आख़िर राम सीता को अपने साथ वन लेजाने के लिए तैयार हो ही गए। अब लक्ष्मण भी र ... Read more

वैसे तो राम की हर बात उनकी पत्नी सीता मानती थीं। लेकिन अपने पति से अलग होकर रहना उन्हें गवारा ही नहीं था। आख़िर राम सीता को अपने साथ वन लेजाने के लिए तैयार हो ही गए। अब लक्ष्मण भी राम और सीता के साथ जाना चाहते थे। पर क्यों? और राम की क्या आशंकाएँ थीं जिसकी वजह से वह लक्ष्मण का अयोध्या में सह-परिवार ठहरना ज़रूरी समझते थे? फिर भी, लक्ष्मण ने राम को अपने साथ वन लेजाने के लिए कैसे मनाया? और वनवास जाने से पहले उन्होंने अपनी माँ कौशल्या और अपने घरों की सुरक्षा का प्रबंध कैसे किया?? आए जानतें हैं इस episode में। Read more

EPISODE 45

पिछले episode में हमने सुना कि कैसे वनवास की बात को लेकर सीता तुरंत राम की भावनाओं को समझ गयीं। राम ने भी सीता को देख अपना मन हल्का किया। सच जानने पर सीता ने राम के साथ वन जाने की ... Read more

पिछले episode में हमने सुना कि कैसे वनवास की बात को लेकर सीता तुरंत राम की भावनाओं को समझ गयीं। राम ने भी सीता को देख अपना मन हल्का किया। सच जानने पर सीता ने राम के साथ वन जाने की ज़िद्द करी। पर राम को लगा कि वह वन की कठिनाइयाँ नहीं सहन कर पाएंगी इस्लिये उन्होनें सीता को मना कर दिया। पर सीता ने हार न मानी। उन्होंने राम को मानाने के लिए हर तरह के उदाहरण दिए, तरक़ीब लगाई। सीता का ये रूप देखकर राम ने क्या कहा? क्या वह सीता को अपने साथ वन लेजाने के लिए तैयार हो गए? जानिए रामायण आज के लिए के इस episode में। Read more

EPISODE 44

जब राम सीता से मिलने निकले तब वह अपनी भावनाओं को छुपा नहीं पाए। सीता भी कैकेई के मांगे हुए वचन से उतनी ही अनजान थीं जितनी माँ कौशल्या। राम का उतरा चेहरा देख, सीता ने कारण पुछा। जवा ... Read more

जब राम सीता से मिलने निकले तब वह अपनी भावनाओं को छुपा नहीं पाए। सीता भी कैकेई के मांगे हुए वचन से उतनी ही अनजान थीं जितनी माँ कौशल्या। राम का उतरा चेहरा देख, सीता ने कारण पुछा। जवाब में राम ने अपने पिता दशरथ और माँ कैकेई के बारे में क्या बताया? उन्होंने कैसे अपनी पत्नी सीता को सबका आदर करने की सलाह दी तथा भरत और शत्रुघ्न से प्रेम से बर्ताव करने का अनुरोध किया? यह सब सुनकर सीता ने कैसे, बिना कोई शिकायत, राम का साथ देने की बात करी? आइए जानतें हैं रामायण आज के लिए के इस episode में। Read more

EPISODE 43

इतना तो अब स्पष्ट था कि राम अपने पिता, दशरथ की बेबसी समझ सकते थे। और उनका वचन निभाने के लिए राम ने वनवास स्वीकारा। आखिर राम अपना धर्म नहीं निभाते तो उनके परिवार और कुल की क्या इज़्ज़ ... Read more

इतना तो अब स्पष्ट था कि राम अपने पिता, दशरथ की बेबसी समझ सकते थे। और उनका वचन निभाने के लिए राम ने वनवास स्वीकारा। आखिर राम अपना धर्म नहीं निभाते तो उनके परिवार और कुल की क्या इज़्ज़त रहे जाती? जब कौशल्या को भी इस बात का अहसास हुआ तब उन्होंने राम को आशीर्वाद देकर विधि विधान के साथ कैसे विदा किया? और क्या हुआ जब राम अपनी माँ से मिलकर, सीता से मिलने गए? आइए सुनते हैं इस episode में। Read more

EPISODE 42

पिछले episode में हमने सुना कि कैसे राम को वनवास मिले की ख़बर सुनकर कौशल्या अपना नियंत्रण खो बैठीं और लक्ष्मण अपना आपा। अपने स्वार्थ के लिए कौशल्या राम को जाने नहीं दे रहीं थीं और ज ... Read more

पिछले episode में हमने सुना कि कैसे राम को वनवास मिले की ख़बर सुनकर कौशल्या अपना नियंत्रण खो बैठीं और लक्ष्मण अपना आपा। अपने स्वार्थ के लिए कौशल्या राम को जाने नहीं दे रहीं थीं और जब राम न मानें तो उन्होंने राम के साथ चलने की ज़िद्द की। वहीं दूसरी ओर लक्ष्मण आग-बबूला हो कर अपने पिता दशरथ को मारने की बात कर रहे थे। पर राम जानते थे कि बिना कौशल्या के दशरथ टूट जायेंगे और लक्ष्मण का गुस्सा परिस्थिति को बदतर बना देगा। फिर राम ने इन दोनों को अपना धर्म निभाने के लिए और अपने वनवास जाने के लिए कैसे मनाया? आइए सुनते हैं इस episode में। Read more

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