राम ने परशुराम से युद्ध करने की चुनौती स्वीकार ली। उन्होंने परशुराम के हाथ से विश्वकर्मा का बनाया विष्णु-धनुष छीना और उसपे प्रत्यंचा चढ़ादी। यह देखकर परशुराम को यक़ीन हो गया की राम व ... Read more
दोनों कुलों के राजगुरुओं की देख-रेख में एक यज्ञ कुंडा बनाया गया, जहाँ चरों राजकुमारों यानी राम, लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न का चारों राजकुमारियों अर्थात सीता, उर्मिला, मांडवी और श्रुत ... Read more
राम ने जब शिव के धनुष पर प्रत्यंचा चढ़कर उसे तोड़ा, तब राजा जनक ने राजा दशरथ को राम और सीता का विवाह संम्पन्न करने के लिए मिथिला आने का न्योता दिया। कैसे दशरथ सारे बारातियों को लेकर ... Read more
पिछले episode में, राम और लक्ष्मा के साथ, मिथिला के राजगुरु शतानन्द, हमें ऋषि विश्वामित्र का जीवन परिचय दे रहे थे। वह आगे बताते हैं कि कैसे विश्वामित्र ने राजा त्रिशंकु की स्वर्ग ज ... Read more
जब राजा विश्वामित्र ने ऋषि वशिष्ठ से उनकी इच्छा-पूर्ती गाय, सबला की मांग की तब ऋषि वशिष्ठ ने उन्हें इंकार कर दिया। इस नामंजूरी के चलते विश्वामित्र ने सबला को ज़बरदस्ती अपने साथ ले ज ... Read more
विश्वामित्र पहले एक राजा हुआ करते थे। जब वह ऋषि वशिष्ठ के आश्रम पहुँचे तब ऋषि वशिष्ठ ने उनके और उनकी पूरी अक्षौहिणी यानी battalion के लिए एक भोजन आयोजित करने की इच्छा जताई। पर साधा ... Read more
जिस समय राम, लक्ष्मण और ऋषि विश्वामित्र मिथिला पहुँचे, तब राजा जनक ने एक बहुत बड़ा आयोजन यानी celebration रखा हुआ था जिसमें दूर-दूर से ब्राह्मण, scholars आए हुए थे। जब राजा जनक को व ... Read more
धीरे-धीरे राम, लक्ष्मण और ऋषि विश्वामित्र मिथिला की ओर बढ़ रहे थे कि अपनी राह पर उन्हें ऋषि गौतम और उनकी पत्नी अहल्या का आश्रम मिला। तब विश्वामित्र ने उन्हें अहल्या की कहानी सुनाई क ... Read more
अदिति के पुत्र देव और दिति के पुत्र दानव अमर होना चाहते थे, इसलिए उन्होंने अमृत प्राप्ति के लिए समुद्र मंथन किया। मेरु पर्वत बने मथनी और रस्सी बने साँपों के देवता, वासुकि। पर क्षीर ... Read more
भगीरथ की मेहनत से गंगा धरती पर आई और सगर के 60,000 पुत्रों को मुक्ति मिली। यह कहनी का अंत आते-आते, राम, लक्ष्मण और विश्वामित्र गंगा नदी के एक और तट पर पहुंचे, जहाँ विशाला का शहर बस ... Read more