कैकई अब मंथरा के साथ बनाया जाल बिछाने जा रहीं थीं। अपने कोप भवन में वह बाल बिखेरे, फटे कपड़ों में, ज़मीन पर लेटे, दशरथ का इंतेज़ार कर रहीं थीं। दशरथ ने जब उन्हें इस हाल में पाया तो वह हक्का-बक्का रहे गए। इस बात का कैकई ने कैसे फ़ायदा उठाया? उन्होंने अपने पति से भरत के लिए राज्य और राम के लिए वनवास कैसे माँगा? इस बात का दशरथ और कैकई के रिश्ते पर क्या असर पढ़ा? और सिर्फ इसलिए कि राम वनवास के लिए नियत थे, क्या कैकई के माँगे वरदान उचित थे? आइए सुनतें हैं इस episode में।
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