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अपनी माँ कैकेई की गलतियों को सुधारने के लिए भरत ने क्या कदम उठाए?
अपनी माँ कैकेई की गलतियों को सुधारने के लिए भरत ने क्या कदम उठाए?
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Available Episodes

EPISODE 61

बहुत समय से दशरथ राम से बिछड़ने के दुःख में बेचैन थे। उन्हें बार-बार उन बूढ़े और अंधे दाम्पत्य का शाप याद आ रहा था जिनके बेटे को दशरथ ने अनजाने में मारा था। उन्हें ये आभास होने लगा क ... Read more

बहुत समय से दशरथ राम से बिछड़ने के दुःख में बेचैन थे। उन्हें बार-बार उन बूढ़े और अंधे दाम्पत्य का शाप याद आ रहा था जिनके बेटे को दशरथ ने अनजाने में मारा था। उन्हें ये आभास होने लगा कि अब उनकी मृत्यु दूर नहीं। पूरी रात वह कौशल्या का हाथ पकड़ कर राम को याद करते रहे। अगली सुबह जब रीती-रिवाज अनुसार राजा दशरथ को उठाया गया तब क्या हुआ? सुमित्रा और कौशल्या दशरथ के निधन के समय किस हाल में थे? और राजा के मरने का समाचार पूरी अयोध्या में कैसे फैला आइए सुनते हैं इस episode में। Read more

EPISODE 60

जिस लड़के की हत्या दशरथ के हाथों अनजाने में हुई, उसे वाल्मीकि रामायण में श्रवण के नाम से नहीं जाना जाता पर कहानी लगभग वही है। रामायण आज के लिए के इस episode में आइए जानतें हैं कि जब ... Read more

जिस लड़के की हत्या दशरथ के हाथों अनजाने में हुई, उसे वाल्मीकि रामायण में श्रवण के नाम से नहीं जाना जाता पर कहानी लगभग वही है। रामायण आज के लिए के इस episode में आइए जानतें हैं कि जब दशरथ पानी ले कर उस लड़के के माता-पिता तक पहुंचे तब उन्होंने अपने बेटे की मृत्यु का दुःख कैसे मनाया? उन्होंने दशरथ को क्या शाप दिया? और शापित होने के बाद भी दशरथ ने माता-पिता और बेटे को कैसे मिलाया? Read more

EPISODE 59

इस एपिसोड में सुनिए कि कैसे कौशल्या को राम के वन जाने पर क्रोध आया और उन्होंने गुस्से में आकर राजा दशरथ को क्या-क्या भला-बुरा सुनाया। साथ ही जाने राजा दशरथ के कौन से कर्म की वजह से ... Read more

इस एपिसोड में सुनिए कि कैसे कौशल्या को राम के वन जाने पर क्रोध आया और उन्होंने गुस्से में आकर राजा दशरथ को क्या-क्या भला-बुरा सुनाया। साथ ही जाने राजा दशरथ के कौन से कर्म की वजह से उन्होंने पुत्र से दूर होने का श्राप मिला? Read more

EPISODE 58

श्री राम के इंतज़ार में बैठी अयोध्या तब और मायूस हो गयी जब उन्होंने सुमंत्र को अकेले बापस लौटते हुए देखा। राम से मिल कर क्या सन्देश लाये सुमंत्र और राम की परिस्थिति को उन्होंने कैसे ... Read more

श्री राम के इंतज़ार में बैठी अयोध्या तब और मायूस हो गयी जब उन्होंने सुमंत्र को अकेले बापस लौटते हुए देखा। राम से मिल कर क्या सन्देश लाये सुमंत्र और राम की परिस्थिति को उन्होंने कैसे बखान किया अयोध्या में, जानिये इस एपिसोड में। Read more

EPISODE 57

गंगा यमुना के संगम तट पर कई कटी हुए पेड़ की शाखाएं देखीं जो आम तौर पर यज्ञ के लिए इस्तेमाल होता थाl यह देख कर लक्ष्मण ने अनुमान लगाया कि वह लोग ऋषि भारद्वाज के आश्रम के पास थे। ऋषि ... Read more

गंगा यमुना के संगम तट पर कई कटी हुए पेड़ की शाखाएं देखीं जो आम तौर पर यज्ञ के लिए इस्तेमाल होता थाl यह देख कर लक्ष्मण ने अनुमान लगाया कि वह लोग ऋषि भारद्वाज के आश्रम के पास थे। ऋषि भारद्वाज से मिलने पर, राम ने एक-एक करके अपना, लक्ष्मण और सीता का परिचय दिया। फिर उन्होंने ऐसी जगह के बारे में पहुचा, जहां वह 14 वर्षों के लिए रह कर सकें। ऋषि भारद्वाज ने राम को चित्रकूट जाने की सलाह क्यूँ दी और उन्हें वहाँ जाने का रास्ता कैसे समझाया? आइए सुनते हैं रामायण आज के लिए के इस episode में। Read more

EPISODE 56

सुमंत्र अयोध्या वापस चले गए थे। यहां राम, निषादराज गुहा के क्षेत्र में नहीं रहना चाहते थे क्योंकि उनका मानना था कि यह वनवास के नियमों के विपरीत होगा। राम, लक्ष्मण और सीता गंगा के त ... Read more

सुमंत्र अयोध्या वापस चले गए थे। यहां राम, निषादराज गुहा के क्षेत्र में नहीं रहना चाहते थे क्योंकि उनका मानना था कि यह वनवास के नियमों के विपरीत होगा। राम, लक्ष्मण और सीता गंगा के तट पर थे। उन्होंने नाव से रास्ता पार करने का सोचा। नदी के बीच सीता ने गंगा से प्रार्थना करने की इच्छा जताई। उन्होंने गंगा से क्या मांगा? दक्षिण तट पर उतरकर जब वह वन में गए, और विश्राम करने के लिए एक वृक्ष के नीचे बैठे, तब लक्ष्मण के साथ बात चीत के दौरान राम भावुक क्यूं हो गए? आइए जानते हैं रामायण आज के लिए के इस episode में। Read more

EPISODE 55

निषादराज अच्छी नाव का प्रबंध कर रहे थे मगर राम, सीता और लक्ष्मण अपनी आगे की यात्रा पैदल चल कर जाना चाहते थे। सुमंत्र ने राम को आग्रह किया की वह भी उनके साथ वन में रहना चाहते हैं। प ... Read more

निषादराज अच्छी नाव का प्रबंध कर रहे थे मगर राम, सीता और लक्ष्मण अपनी आगे की यात्रा पैदल चल कर जाना चाहते थे। सुमंत्र ने राम को आग्रह किया की वह भी उनके साथ वन में रहना चाहते हैं। परंतु राम ने इंकार कर दिया। वह चाहते थे की सुमंत्र दशरथ के पास वापिस लौट जाएं। राम को ऐसा क्यों लगा की सुमंत्र का अयोध्या जाना ही उचित होगा? इसके अलावा राम ने सुमंत्र द्वारा भरत के लिए क्या संदेशा भेजा? यह जानने के लिए आईए सुनते हैं इस episode में। Read more

EPISODE 54

कौशल प्रांत बहुत समृद्ध था। वहां किसी भी प्रकार की कमी नहीं थी। उस रात राम, लक्ष्मण और सीता श्रृंगवेरपुर नाम की जगह पर रुक गए, जो आज के दिन में उत्तर प्रदेश के शहर संगरूर नाम से जा ... Read more

कौशल प्रांत बहुत समृद्ध था। वहां किसी भी प्रकार की कमी नहीं थी। उस रात राम, लक्ष्मण और सीता श्रृंगवेरपुर नाम की जगह पर रुक गए, जो आज के दिन में उत्तर प्रदेश के शहर संगरूर नाम से जाना जाता है। यह इलाका निषादराज गुहा का था और वह राम के मित्र थे। निषादराज ने सबको विश्राम करने के लिए आमंत्रित किया परन्तु क्यों लक्ष्मण ने विश्राम करने से इंकार कर दिया? वह पूरी रात पहरा देने के लिए बाहर क्यों खड़े रहे? आइए जानते है रामायण आज के लिए के इस Episode में। Read more

EPISODE 53

एक तरफ़ दशरथ के महल में मायूसी छाई हुई थी, तो दूसरी तरफ़ अयोध्या वासी सुमंत्र के रथ - जिसपर राम, लक्ष्मण और सीता सवार थे - उसका पीछा ही नहीं छोड़ रहे थे। राम ने उन्हें बहुत समझाया, आश ... Read more

एक तरफ़ दशरथ के महल में मायूसी छाई हुई थी, तो दूसरी तरफ़ अयोध्या वासी सुमंत्र के रथ - जिसपर राम, लक्ष्मण और सीता सवार थे - उसका पीछा ही नहीं छोड़ रहे थे। राम ने उन्हें बहुत समझाया, आश्वासन दिलाया कि भरत उनका ध्यान रखेंगे पर उनकी प्रजा ने एक न मानी। देखते देखते सब तमसा नदी के तट पर पहुँचे। तमसा वही नहीं है जहाँ ऋषि वाल्मीकि का आश्रम था जिसमें बैठकर उन्होंने राम का छंद लिखा था। रामायण आज के लिए के इस episode में आइए जानतें हैं, राम ने अयोध्या वासियों को क्यों और कैसे अपनी चतुराई से पीछे छोड़ा और वन की ओर निकल पढ़े। Read more

EPISODE 52

राम के अयोध्या छोड़ने पर दशरथ बौखला से गए थे। वह अपने आप से बातें करने लगे। राजा दशरथ अपनी आँखों से रौशनी जाने की शिकायत करने लगे। और अपना दम घुटने की शिकायत करते करते, वह कैकेई का ... Read more

राम के अयोध्या छोड़ने पर दशरथ बौखला से गए थे। वह अपने आप से बातें करने लगे। राजा दशरथ अपनी आँखों से रौशनी जाने की शिकायत करने लगे। और अपना दम घुटने की शिकायत करते करते, वह कैकेई का भवन छोड़कर, कौशल्या के भवन चले गए। कौशल्या भी अपने बेटे की याद में टूट गयीं थीं। वह कैकेई को खुलकर कोस रहीं थीं और राम-सीता की पीढ़ा के लिए अपने पिछले जन्म के कर्मों को ज़िम्मेदार मान रहीं थीं। ऐसे में सिर्फ लक्ष्मण की माँ, सुमित्रा ही सुलझी हुईं, समझदार लग रहीं थीं। इस episode में, आइए सुनतें हैं, कैसे रानी सुमित्रा ने अपने पति, दशरथ और सपत्नी, कौशल्या को संभाला? Read more

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