इस एपिसोड में सुनिये, मोदी सरकार के 8 साल पूरे, भाजपा कोटे के केंद्रीय मंत्री देश भर में पहुंचाएंगे सरकार की उपलब्धियां, राजस्थान में अशोक गहलोत या सचिन पायलट? कांग्रेस ने पंजाब से ली सीख, जल्द करेगी घोषणा, IPL 2022 के क्वालीफायर 2 में पहुंची RCB, लेकिन टीम के नाम दर्ज हुआ ये शर्मनाक रिकॉर्ड, और गन लॉबी के आगे बेबस हो गया है दुनिया का सबसे शक्तिशाली देश, अमेरिका में 100 लोगों पर 121 बंदूक। मोदी सरकार के 8 साल पूरे, भाजपा कोटे के केंद्रीय मंत्री देश भर में पहुंचाएंगे सरकार की उपलब्धियां केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के लगातार सत्ता में रहने के आठ साल पूरे होने पर पार्टी देश भर में उन सीटों पर विशेष अभियान चलाएगी, जिन पर वह बीते चुनाव में दूसरे व तीसरे स्थान पर रही थी। ऐसी लगभग 144 सीटों पर पार्टी के केंद्रीय मंत्री प्रवास करेंगे। हर मंत्री एक लोकसभा सीट पर तीन दिन का प्रवास करेगा और केंद्र सरकार की उपलब्धियों को जनता तक पहुंचाएगा। इसके अलावा कमजोर बूथों के लिए सांसदों व विधायकों को जिम्मेदारी दी जाएगी। यह फैसला भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रियों की बैठक में हुई। भाजपा मुख्यालय में बुधवार से देर शाम तक बैठकों का दौर चलता रहा। सुबह के सत्र में बूथ सशक्तिकरण को लेकर रणनीति को अंतमि रूप दिया गया, वहीं शाम को हुई बैठक में लोकसभा प्रवास योजना की रणनीति तैयार की गई। इन बैठकों में पार्टी ने 2024 के लोकसभा चुनावों के लिए कमजोर बूथों से लेकर हारी हुई सीटों के लिए रणनीति के लिए कार्ययोजना को नीचे तक ले जाने पर चर्चा की। राजस्थान में अशोक गहलोत या सचिन पायलट? कांग्रेस ने पंजाब से ली सीख, जल्द करेगी घोषणा पंजाब से सीख लेते हुए कांग्रेस ने कहा है कि वह अगले 60 दिनों के भीतर फैसला करेगी कि राजस्थान में 2023 विधानसभा चुनाव मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नेतृत्व में होंगे या नहीं। पार्टी नेतृत्व के मुताबिक, वह पंजाब जैसी स्थिति पैदा नहीं करना चाहती जहां इसे आखिरी वक्त तक के लिए इसे टाला गया था। अशोक गहलोत या सचिन पायलट के नेतृत्व में कांग्रेस चुनाव में उतरेगी या सामूहिक नेतृत्व का फॉर्मूला अपनाएगी, यह जल्द ही फाइनल हो जाएगा। 10 जून को होने वाले राज्यसभा चुनाव के बाद स्थिति स्पष्ट हो जाएगी। कुल मिलाकर असमंजस की स्थिति जल्द ही खत्म हो जाएगी और यह ऐलान किया जाएगा कि अशोक गहलोत के नेतृत्व में चुनाव में जाना है या नेतृत्व बदलना है। पार्टी का मानना है कि स्पष्ट फैसला लेना जरूरी है ताकि चुनाव की तैयारियां पूरे जोश के साथ की जा सके। तिहाड़ जेल के बैरक नंबर 7 में रहेगा यासीन मलिक, कैमरे से रखी जाएगी नजर दिल्ली की एक अदालत ने बुधवार को जम्मू-कश्मीर के अलगाववादी नेताओं में से एक यासीन मलिक को टेरर फंडिंग के मामले में उम्रकैद की सजा सुनाई। कोर्ट ने सजा सुनाते हुए कहा कि इन अपराधों का मकसद ‘भारत के विचार की आत्मा पर हमला करना’ और भारत संघ से जम्मू-कश्मीर को जबरदस्ती अलग करने का था। यासीन मलिक को सजा सुनाए जाने के बाद तिहाड़ जेल भेज दिया गया। सजा होने से पहले भी यासीन तिहाड़ जेल की बैरक नंबर 7 में बंद था और अभी वो इसी जेल में रहेगा। जेल में बंद यासीन मलिक पर सीसीटीवी कैमरे के जरिए नजर रखी जाएगी। यासीन मलिक को आगे भी इसी जेल में रखा जाएगा या फिर किसी और जगह भेजा जाएगा, इस पर अभी तक कोई फैसला नहीं हुआ है। विशेष न्यायाधीश प्रवीण सिंह ने विधिविरुद्ध क्रियाकलाप रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) और भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) के तहत विभिन्न अपराधों के लिए अलग-अलग सजा सुनाईं। IPL 2022 के क्वालीफायर 2 में पहुंची RCB, लेकिन टीम के नाम दर्ज हुआ ये शर्मनाक रिकॉर्ड रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर यानी आरसीबी ने आईपीएल 2022 के क्वालीफायर 2 में जगह बना ली है, जहां टीम का सामना फाइनल में पहुंचने के लिए राजस्थान रॉयल्स से होगा। आरसीबी ने एलिमिनेटर मैच में लखनऊ सुपर जाएंट्स को हराकर आगे तक का सफर तय किया है। हालांकि, इसी मैच के दौरान आरसीबी के नाम एक शर्मनाक रिकॉर्ड भी दर्ज हो गया। इससे पहले कभी भी आईपीएल में ऐसा नहीं हुआ था। दरअसल, आरसीबी आईपीएल के एक सीजन में सबसे ज्यादा छक्के खाने वाली टीम बन गई है। आरसीबी के गेंदबाजों ने आईपीएल 2022 में 137 छक्के खाए हैं। इससे पहले 2018 में कोलकाता नाइट राइडर्स ने सबसे ज्यादा छक्के खाने का काम किया था। उस साल 135 छक्के केकेआर के गेंदबाजों को पड़े थे। वहीं, उसी सीजन में 131 छक्के सीएसके ने खाए, जबकि 2020 के सीजन में राजस्थान रॉयल्स 128 छक्के खाए। गन लॉबी के आगे बेबस हो गया है दुनिया का सबसे शक्तिशाली देश, अमेरिका में 100 लोगों पर 121 बंदूक दुनिया के सबसे शक्तिशाली देशों में शुमार अमेरिका अपने यहां सक्रिय गन लॉबी के आगे बेबस है। अमेरिका के कई राष्ट्रपति समय-समय पर इसे नियंत्रित करने की मंशा जता चुके हैं लेकिन ऐसा अब तक नहीं हो पाया। टेक्सास के स्कूल में फायरिंग की ताजा घटना के बाद मौजूदा राष्ट्रपति जो बाइडन ने भी कहा है कि इससे निपटने का वक्त आ गया है। अमेरिका में साल-दर-साल बंदूक से हिंसा के मामले बढ़े हैं। इस देश में आबादी से ज्यादा बंदूकें होना स्थिति की गंभीरता को बताने के लिए काफी है। गन लॉबी के आगे सरकार की बेबसी का आलम ये है कि वर्ष 2020 में बंदूक 45,222 लोगों की जान का दुश्मन बनी। विश्व बैंक के अनुसार 2020 में अमेरिका की जनसंख्या 33 करोड़ थी। इसके अनुपात में 40 करोड़ बंदूकें थीं। स्वीट्जरलैंड की स्मॉल ऑर्म्स सर्वे के अनुसार अमेरिका में हर 100 व्यक्ति पर 121 बंदूक है। अमेरिकी सेना से 100 गुना और पुलिस से 400 गुना ज्यादा बंदूक और राइफल आम लोगों के पास हैं।
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