मानव उड़न का इतिहास दो हजार से अधिक वर्षों से बड़ा है. उड़ान के शुरुआती रूपों, पतंगों और टावर जंपिंग के प्रयासों से लेकर सुपरसोनिक और हाइपरसोनिक उड़ान द्वारा संचालित, भारी-से-हवा वाले ... Read more
मानव उड़न का इतिहास दो हजार से अधिक वर्षों से बड़ा है. उड़ान के शुरुआती रूपों, पतंगों और टावर जंपिंग के प्रयासों से लेकर सुपरसोनिक और हाइपरसोनिक उड़ान द्वारा संचालित, भारी-से-हवा वाले जेट तक, बिना पंखो के ही हमारी उड़ान बदलो से परे तक की पहुंच चुकी है. जानिए एविएशन का समृद्ध इतिहास और विकास आज के एपिसोड में। Read more
पेट्रोल-डीजन के दाम आसमान छूने के बाद लोग ईंधन वाली गाड़ियों से इलेक्ट्रिक व्हीकल की तरफ स्विच कर रहे हैं। टू व्हीलर, थ्री व्हीलर, फोर व्हीलर, पब्लिक बस तक को तो इलेक्ट्रिक व्हीकल ... Read more
पेट्रोल-डीजन के दाम आसमान छूने के बाद लोग ईंधन वाली गाड़ियों से इलेक्ट्रिक व्हीकल की तरफ स्विच कर रहे हैं। टू व्हीलर, थ्री व्हीलर, फोर व्हीलर, पब्लिक बस तक को तो इलेक्ट्रिक व्हीकल में तब्दील कर दिया गया लेकिन किसानों का ट्रैक्टर अब भी महंगे डीजल के रूप में उनकी गाढ़ी कमाई चूस रहा है। इसी को देखने के बाद गुजरात के एक किसान ने ऐसा ट्रैक्टर बना डाला, जिसका खर्च एक घंटे चलाने का सिर्फ एक चिप्स के पैकेट के बराबर है। आइए जानते हैं कि आखिर में इतने कम खर्च में कैसे चलता है यह नए जमाने का ट्रैक्टर? Read more
क्या आप जानते हैं कि भारत में एक ऐसा पुल है, जिसमें इतने ज्यादा तार लगे हैं कि उससे पूरी पृथ्वी को बांधा जा सकता है। यकीन मानिए यह 5.6 किलोमीटर लंबा पुल भारत में ही है। आपने शायद इ ... Read more
क्या आप जानते हैं कि भारत में एक ऐसा पुल है, जिसमें इतने ज्यादा तार लगे हैं कि उससे पूरी पृथ्वी को बांधा जा सकता है। यकीन मानिए यह 5.6 किलोमीटर लंबा पुल भारत में ही है। आपने शायद इसका नाम भी सुना होगा। लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह पुल कहां पर बना है? पुल पर इतने तार लगाने की जरूरत क्यों पड़ी? आइए जानते हैं | Read more
अपनी व्यस्त और तनाव भरी जिंदगी में हमें जब भी समय मिलता है, तो हम मोबाइल लेकर बैठ जाते हैं। उम्मीद यह होती है कि कुछ मजेदार मीम्स दिख जाएंगे तो मूड फ्रेश हो जाएगा। लेकिन क्या आपको ... Read more
अपनी व्यस्त और तनाव भरी जिंदगी में हमें जब भी समय मिलता है, तो हम मोबाइल लेकर बैठ जाते हैं। उम्मीद यह होती है कि कुछ मजेदार मीम्स दिख जाएंगे तो मूड फ्रेश हो जाएगा। लेकिन क्या आपको पता है कि दुनिया का पहल मीम कौन सा था? यह मीम शब्द कहां से आया और इसमें शुरुआत से अब तक किस तरह के बदलाव आ चुके हैं? इन मीम्स को समझने के लिए डारविन के सिद्धांतों का इस्तेमाल क्यों किया जा रहा है, आइए जानते हैं | Read more
शायद टेस्ट के लिए टोमैटो केचप तो आप भी खाते होंगे। लेकिन क्या आपको पता है कि एक वक्त ऐसा था जब टोमैटो केचप को लोग दवा के रूप में खाते थे। आखिर टोमैटो केचप को लोग दवा क्यों समझने लग ... Read more
शायद टेस्ट के लिए टोमैटो केचप तो आप भी खाते होंगे। लेकिन क्या आपको पता है कि एक वक्त ऐसा था जब टोमैटो केचप को लोग दवा के रूप में खाते थे। आखिर टोमैटो केचप को लोग दवा क्यों समझने लगे थे? आखिर किस बीमारी के इलाज के लिए लोगों ने टोमैटो केचप खाना शुरू कर दिया था? …और इस वजह से अमेरिका में टोमैटो केचप की डिमांड क्यों बढ़ गई थी? आइए जानते हैं | Read more
विश्वास करें या न करें, स्वीकार करें या ना करें, अनदेखा करें या समझें, जो भी आप करना चाहते हैं वह आपकी पसंद है लेकिन यह होने वाला है। रोबोटिक क्रांति आ रही है इसलिए तैयार रहें। Read more
विश्वास करें या न करें, स्वीकार करें या ना करें, अनदेखा करें या समझें, जो भी आप करना चाहते हैं वह आपकी पसंद है लेकिन यह होने वाला है। रोबोटिक क्रांति आ रही है इसलिए तैयार रहें। Read more
यूनान की राजधानी एथेंस शहर एक अद्भुत और रोचक जगह है लेकिन क्या आपको पता है कि यहां का इतिहास इतना समृद्ध क्यों माना जाता है? इस शहर का नाम किसी देवी के नाम पर रखा गया था और यहां के ... Read more
यूनान की राजधानी एथेंस शहर एक अद्भुत और रोचक जगह है लेकिन क्या आपको पता है कि यहां का इतिहास इतना समृद्ध क्यों माना जाता है? इस शहर का नाम किसी देवी के नाम पर रखा गया था और यहां के एक्रापॉलिस क्यों बेहद खास हैं? यहां कितने पुराने समय से लोग रहते आए हैं? इसक साथ ही भारत का एथेंस किस जगह को कहते हैं? और दोनों में ऐसी क्या खास समानता है, आइए जानते हैं: Read more
ओपेरा हाउस … सिडनी की एक ऐसी इमारत जिसका डिजाइन इतना अनोखा था कि इसके निर्माण में चार साल की बजाय चौदह साल लग गए थे। इस इमारत का डिजाइन बनाने वाले को पुलित्जर पुरुस्कार से सम्मानित ... Read more
ओपेरा हाउस … सिडनी की एक ऐसी इमारत जिसका डिजाइन इतना अनोखा था कि इसके निर्माण में चार साल की बजाय चौदह साल लग गए थे। इस इमारत का डिजाइन बनाने वाले को पुलित्जर पुरुस्कार से सम्मानित किया गया है। आखिर इस इमारत कब और क्यों बनावाया गया और इसमें ऐसा क्या खास है? आइए जानते हैं: Read more