बदलाव ही ऐसी चीज़ है जो हमेशा हमारे साथ रहती है | ऐसे में हमे खुदको हर बदलाव के लिए तैयार रखना चाहिए | बदलाव होने पर हमें गुस्सा आता है, क्योंकि हम चाहते हैं कि चीजें हमारे मनमुताबि ... Read more
अपने काम से नाखुश बने रहना, हमें कहीं नहीं ले जाता। काम हो या फिर काम का माहौल, अगर पसंद नहीं है, तो उसे बदलने की कोशिश कीजिए। और, जब तक नहीं बदल पा रहे, तब तक जो भी काम है, उसे खु ... Read more
हम सब इस समय एक साझे दुख से जुड़े हुए हैं। किसी को अपनी चिंता है तो किसी को अपनों र्की। हर घर की अलग कहानी है। किसी का दुख छोटा या झूठ नहीं है। पर, हर समय दुखी रहकर जो है, उसे तो ख ... Read more
मन जब बहुत दौड़ता है तो हमें दौड़ाने लगता है। कई दफा इतना दौड़ा देता है कि कुछ और करने की ऊर्जा ही नहीं बचती। बिना किसी सिर पैर के किसी भी तरफ भागने लगता है। ना कोई काबू, ना कुछ सह ... Read more
कई बार तन और मन इतने थक जाते हैं कि हम सीधे-सादे से एक आसान दिन की चाह से भर उठते हैं। रोज की उठा-पटक और हर समय काम ही काम पर हम चौबीस घंटे दौड़ तो नहीं सकते। हमें अपने तनाव को कम ... Read more
आए दिन हम किसी न किसी समस्या से जूझ रहे होते हैं- इतनी भागदौड़, मेहनत और स्ट्रेस का सामना करके हम खुद को फंसा हुआ महसूस करते हैं। क्या यह सोचने की बात नहीं है कि कहीं हमें खुद को ब ... Read more
दिमाग को रिलैक्स करने का सबसे सही समय वही होता है, जब वह स्ट्रेस्ड होता है, अशांत होता है। हमें अपना ध्यान भी उसी समय सबसे ज्यादा रखने की जरूरत होती है, जब हमें लगता है जिंदगी में ... Read more
बात जब अपनी या अपनों की हो, तो हम कोई कसर नहीं छोड़ते। पर कई बार हम चाहकर भी सब कुछ नहीं कर पाते। कभी चीजें बूते से बाहर होती हैं, तो कई बार सब कुछ होने पर भी हाथ खाली रह जाते हैं। ... Read more
तनाव, स्ट्रेस तन-मन दोनों को थका देता है। खून की तरह तनाव भी हमारी रग-रग में दौड़ता है। तनाव के कारण ही चेहरा तना-तना सा रहता है कुछ भी करने का जोश ठंडा पड़ने लगता है। एक से काम ... Read more
सुख के हजार रंग हैं तो दुख भी कई रंग हैं। रंग पक्के भी होते हैं और कच्चे भी। हर रंग सब पर एक सा नहीं खिलता, ना ही देर तक टिकता ही है। अंधेरे में जो तस्वीर दिखती है, असल में कुछ और ... Read more