सत्य और तथ्य की गुत्थी बहुत पुरानी है। जैसे अकसर लोग सवाल पूछते हैं, पहले मुर्गी आई या अंडा पहले आया? ये सवाल असल में हम संसार के उस बिंदु की ओर ले जाते हैं, जो सबसे मौलिक और सबसे ... Read more
रिश्ते हों, हमारे आसपास की चीजें या दुनिया को देखने का दृष्टिकोण, हमें बचपन से ही कुछ खास तरह के लेबल के साथ इन्हें देखना सिखाया जाता है। पर असल में संसार इन लेबल से बहुत पार है। औ ... Read more
एक उम्र के बाद हम चीजों को अलग नजरिये से देखने लगते हैं, जबकि चीजें वही रहती हैं। फिर चाहें वह आपका खानपान हो या त्यौहारों को मनाने का आपका तरीका। ऐसा क्यों होता है? क्या आपने कभी ... Read more
एक बच्चा जो अपने जन्म के समय बिल्कुल अबोध होता है, उम्र बढ़ने के साथ-साथ उसके मन में सवालों का भी अंबार लगने लगता है। क्या बड़े होने का अर्थ सवालों से घिर जाना है? या जिज्ञासा ही आ ... Read more
हम सब एक निश्चित जिम्मेदारी, निश्चित रुटीन और तय पैटर्न पर काम करते हैं। और मानते हैं कि यही हमारा दायित्व है। पर क्या कभी आपने उन लोगों के बारे में जाना है, जो हमेशा कुछ न कुछ आउट ... Read more
हमें ऐसा लगता है कि हम हमेशा अपनों पर ही भरोसा कर पाते हैं। जबकि जीवन को आगे बढ़ाने की अगर कोई शक्ति है तो वह भरोसा ही है। और इसमें सबसे ज्यादा योगदान देता है अनजान व्यक्तियों पर क ... Read more
हमारे आसपास कई तरह के लोग हैं। कभी-कभी लगता है कि सामने वाला हमें चीट कर रहा है। पर ऐसे में क्या किया जाए? क्या बदले में वही किया जाए जो उन्होंने हमारे साथ किया? इन्हीं जरूरी प्रश् ... Read more
छोटे से बड़े होने, यानी अपने व्यक्तित्व में विकास की यात्रा कई रास्तों से होकर गुजरती है। आदर्श रूप से इस यात्रा के दौरान हमें कुछ चीजें छोड़ देनी होती हैं। पर क्यों एक बड़े पद पर ... Read more
हम सभी किसी न किसी क्षेत्र को अपना प्रोफेशन बनाते हैं। पर हम में से बहुत कम लोग होते हैं जो अपने जुनून को जीवन भर जारी रख पाते हैं। कभी-कभी हम शौक, जरूरत और विकल्प में इतने कन्फ्यू ... Read more
आगे बढ़ने या किसी भी काम को करने के लिए हम सभी को किसी न किसी प्रेरणा स्रोत की जरूरत होती है। पर जब हम कामयाब हो जाते हैं, तब क्या प्रेरणा के स्रोत के प्रति आभार जताते हैं? प्रेरणा ... Read more