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2: खुद से मुलाकात किए कितने दिन हुए | जानिए कितना जरूरी है खुद के साथ समय बिताना
2: खुद से मुलाकात किए कितने दिन हुए | जानिए कितना जरूरी है खुद के साथ समय बिताना
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Available Episodes

EPISODE 4

हम सभी के जीवन में कभी न कभी ऐसा समय आता है, जब हमें लगता है कि अब कुछ नहीं बचा। सब कुछ खत्‍म हो गया है। हर रास्‍ता अब अंधेरी गुफा में जाकर ही खत्‍म होगा। पर क्‍या वास्‍तव में यह ज ... Read more

हम सभी के जीवन में कभी न कभी ऐसा समय आता है, जब हमें लगता है कि अब कुछ नहीं बचा। सब कुछ खत्‍म हो गया है। हर रास्‍ता अब अंधेरी गुफा में जाकर ही खत्‍म होगा। पर क्‍या वास्‍तव में यह जीवन का अंत है? या प्रकृति दे रही है हमें अपनी जिंदगी का नायक बनने का चुनौतीपूर्ण अवसर। लाइफ कोच डॉ. मेधावी जैन से मन की मेधा में सुनिए जीवन के ऐसे ही योद्धाओं की कहानी।  Read more

EPISODE 3

इतना सारा गुस्‍सा, इतनी सारी घुटन और तनाव यह घर की शांति ही नहींं आपके स्‍वास्‍थ्‍य के लिए भी खतरनाक है। क्‍योंकि जो गुस्‍सा आप दूसरों पर निकाल रहे हैं, वह पहले आपको परेशान कर रहा ... Read more

इतना सारा गुस्‍सा, इतनी सारी घुटन और तनाव यह घर की शांति ही नहींं आपके स्‍वास्‍थ्‍य के लिए भी खतरनाक है। क्‍योंकि जो गुस्‍सा आप दूसरों पर निकाल रहे हैं, वह पहले आपको परेशान कर रहा है। इससे बेहतर है इसे पॉजिटिव तरीके से बाहर निकाला जाए। लाइफ कोच डॉ. मेधावी जैन बता रही हैं नेगेटिव एनर्जी को पॉजिटिव तरीके से इस्‍तेमाल करने का तरीका।  Read more

EPISODE 2

हर बार बाहर निकलने के लिए हमें नई साड़ी या नई टॉप की ही जरूरत क्‍यों होती है? क्‍या पुराने कपड़े हमें असहज महसूस करवाते हैं? या बस एक-दूसरे की देखा देखी हमने अपने मन को छोटा और वॉर ... Read more

हर बार बाहर निकलने के लिए हमें नई साड़ी या नई टॉप की ही जरूरत क्‍यों होती है? क्‍या पुराने कपड़े हमें असहज महसूस करवाते हैं? या बस एक-दूसरे की देखा देखी हमने अपने मन को छोटा और वॉर्डरोब को बड़ा बना लिया है। अपने आस-पास हमने इतना सामान जुटा लिया कि जीवन की असल खुशियां क्‍या हैंं हम इसे ही भूलने लगे थे। मजबूरी में ही सही कोरोनावायरस ने हमें मिनिमलिस्टिक लिविंग की तरफ वापस मुड़ कर देखने और व्‍यवहार में लाने को प्रेरित किया।   Read more

EPISODE 1

कोरोना महामारी है, लेकिन यह हमारे लिए सबक भी है। दौड़ती-भागती जिंदगी में हम कहीं सेविंग करना तो नहीं भूल गए? पर कौन सी सेविंग - रुपये पैसे की, आपसी तालमेल की या हैप्‍पीनेस को जॉय म ... Read more

कोरोना महामारी है, लेकिन यह हमारे लिए सबक भी है। दौड़ती-भागती जिंदगी में हम कहीं सेविंग करना तो नहीं भूल गए? पर कौन सी सेविंग - रुपये पैसे की, आपसी तालमेल की या हैप्‍पीनेस को जॉय में बदलने की। मन की मेधा के इस पहले एपिसोड में बात कर रहीं हैं मेधावी जैन।   Read more

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