दुख हमें मांझता है, पर जब यह दुख किसी प्राकृतिक आपदा या महामारी के रूप में आता है, तो ये हमें सामुहिक रूप से शुद्ध होने में मदद करता है। जैन दर्शन में सामुहिक कर्म का एक सिद्धांत है। जिसके लिए हम सभी सामुहिक रूप से उत्तरदायी होते हैं और उसका फल भी हमें सामुहिक रूप से वहन करना पड़ता है। कोरोना वायरसर की दूसरी लहर में आया भी इसी का उदाहरण है। हेल्थ शॉट्स पॉडकास्ट मन की मेधा के इस एपिसोड में लाइफ कोच डॉ. मेधावी जैन अपने अनुभवों के साथ आज इसी पर बात कर रहीं हैं।
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