आज का ख्याल शायर ख़्वाजा हैदर अली 'आतिश' की कलम से। शायर कहते है - ये आरज़ू थी तुझे गुल के रूबरू करते, हम और बुलबुल-ए-बेताब गुफ़्तगू करते। आतिश बुनियादी तौर पर इश्क़-ओ-आशिक़ी के शायर थे। आतिश, मिर्ज़ा ग़ालिब के समकालीन, 19वीं सदी में उर्दू ग़ज़ल का चमकता सितारा थे।
86 Episodes
21 Dec 2024
6 MINS
21 Dec 2024
6 MINS
21 Dec 2024
7 MINS
21 Dec 2024
6 MINS
21 Dec 2024
6 MINS
21 Dec 2024
7 MINS
21 Dec 2024
7 MINS