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S2E27 | कौन मरता है ज़िंदगी के लिए - Sadat Nazeer
Khayal
आज का ख्याल शायर सादात नज़ीर साहब की कलम से | शायर कहते है - कौन मरता है ज़िंदगी के लिए, जी रहा हूँ तिरी ख़ुशी के लिए | सादात नज़ीर जी एक जाने माने लेखक और शायर है। उन्होंने कई किताबे लिखी है।
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