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Khayal

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Radio Nasha - HT Smartcast



ख़ास अन्दाज़ जब सुखन का ना हो

शायरी, शायरी नहीं होती।

वेद राही जी का ये शेर उतना ही ख़ूबसूरत हैं , जितना की सच। इसलिए हम लाए हैं तमाम दुनिया के शायरां और शायरों के ख़्वाब-ओ-ख़याल, सिर्फ़ रेडियो के बच्चन (@rjpeeyushsingh) की आवाज़ में।

आप सुन रहे हैं एच टी स्मार्टकास्ट और ये है रेडियो नशा प्रोडक्शन |

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Available Episodes

04:38
S2E27 |  कौन मरता है ज़िंदगी के लिए - Sadat Nazeer
EPISODE 87

आज का ख्याल शायर सादात नज़ीर साहब की कलम से | शायर कहते है - कौन मरता है ज़िंदगी के लिए, जी रहा हूँ तिरी ख़ुशी के लिए | सादात नज़ीर जी एक जाने माने लेखक और शायर है। उन्होंने कई किता ... Read more

02 Nov5 MINS
05:25
S2E26 | बदन में जैसे लहू ताज़ियाना हो गया है - Irfan Siddiqi
EPISODE 86

आज का ख्याल शायर इरफ़ान सिद्दीकी साहब की कलम से। शायर कहते है - 'बदन में जैसे लहू ताज़ियाना हो गया है'। इरफ़ान सिद्दीकी सबसे महत्वपूर्ण आधुनिक शायरों में शामिल थे और अपने नव-क्लासि ... Read more

26 Oct5 MINS
05:10
S2E25 | खराबी का आग़ाज़ कहा से हुआ यह बताना है मुश्किल- Azam Bahzad
EPISODE 85

आज का ख्याल शायर आज़म बहज़ाद की कलम से । शायर कहते है -खराबी का कहा से हुआ यह बताना है मुश्किल, कहा ज़ख्म खाये कहा से हुए वार यह भी दिखाना है मुश्किल। आज़म बेहज़ाद ने 1972 में कविता ... Read more

19 Oct5 MINS
07:06
S2E24 | तू इस तरह से मेरी ज़िंदगी में शामिल है - Nida Fazli
EPISODE 84

आज का ख्याल शायर निदा फाजली साहब की कलम से। शायर कहते है - 'तू इस तरह से मेरी ज़िंदगी में शामिल है, जहां भी जाऊं ये लगता है, तेरी महफ़िल है'। निदा फाजली हिंदी और उर्दू के मशहूर शायर, ... Read more

12 Oct7 MINS
04:05
S2E23 | कुंज-ए-तन्हाई - Sabir Alvi
EPISODE 83

आज का ख्याल शायर साबिर अल्वी साहब की कलम से। शायर कहते है - 'कुंज-ए-तन्हाई के अफगार में क्या रखा है'। Read more

24 Sep4 MINS
05:15
S2E22 | आए हो तो ये हिजाब क्या है - Mushafi Ghulam Hamdani
EPISODE 82

आज का ख्याल शायर ग़ुलाम हमदानी मुसहफ़ी की कलम से। शायर कहते है - 'आए हो तो ये हिजाब क्या है'। ग़ुलाम हमदानी मुसहफ़ी उर्दू के बड़े शायर हुए। इनके समकालीन और प्रतिद्वंदी इंशा और जुरअ ... Read more

21 Sep5 MINS
07:05
SE21 | इतना मालूम है - Parveen Shakir
EPISODE 81

आज का ख्याल शायर परवीन शाकिर की कलम से। शायर कहते है - 'अपने बिस्तर पे बहुत देर से मैं नीम-दराज़, सोचती थी कि वो इस वक़्त कहाँ पर होगा'। सैयदा परवीन शाकिर, एक उर्दू कवयित्री, शिक्ष ... Read more

14 Sep7 MINS
06:04
S2E20 | उनसे बढ़ते फासले और मै = Tabish Mehdi
EPISODE 80

आज का ख्याल शायर तबिश मेहदी साहब की कलम से। शायर कहते है - 'उनसे बढ़ते फासले और मै'। तबिश मेहदी का जन्म 3 जुलाई 1951 को प्रतापगढ़ में हुआ था। कविता संग्रह पर उनकी पुस्तकें "ताबीर" औ ... Read more

11 Sep6 MINS
04:42
S2E19 | पीने की शराब और - Zaheer Dehlvi
EPISODE 79

आज का ख्याल शायर जहीर देहलवी साहब की कलम से। शायर कहते है - 'पीने की शराब और जवानी की शराब और'। जहीरुद्दीन को जहीर देहलवी के नाम से जाना जाता था। उनके पिता, सैयद जलालुद्दीन हैदर, स ... Read more

07 Sep5 MINS
06:00
S2E18 | वो चाँद है तो अक्स भी पानी में आएगा - Iqbal Sajid
EPISODE 78

आज का ख्याल शायर इक़बाल साजिद साहब की कलम से। शायर कहते है - 'वो चाँद है तो अक्स भी पानी में आएगा, किरदार ख़ुद उभर के कहानी में आएगा'। मोहम्मद इकबाल का जन्म 1932 में सहारनपुर जिले क ... Read more

03 Sep6 MINS
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