54: मजदूर है हम, मजबूर है हम | Jameel Mazhari | Urdu Shayari | Famous Poetry | Life of a poet
आज का ख़्याल जमील मज़हरी की तरफ से।जमील साहब ने उर्दू की शायरी में भले पुरानी हिंदोस्तानी ज़बान का इस्तेमाल किया, लेकिन उनमें अहसास के नए रंग भरे। उनकी खास किताबें हैं : नक्श-ए-जमील और फ़िक्र-ए-जमील। सुनिए उनकी रचना और उनके जीवन के बारे में @radiokabachchan के साथ।
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21 Nov 2024
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8: बेहोशियों ने और ख़बरदार कर दिया | Josh Malihabadi | Urdu Shayari | Famous Poetry | Life of a poet
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