आज का ख़्याल अमीर मीनाई साहब की तरफ से। अमीर मीनाई साहब दाग़ देहलवी के समकालीन थे । अपनी ग़ज़ल ' सरकती जाए है रुख़ से नक़ाब आहिस्ता आहिस्ता ' के लिए प्रसिद्ध हैं। सुनिए उनकी रचना और उनके जीवन के बारे में @radiokabachchan के साथ।
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21 Nov 2024
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8: बेहोशियों ने और ख़बरदार कर दिया | Josh Malihabadi | Urdu Shayari | Famous Poetry | Life of a poet
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