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39: आशिक़ | Ameer Minai | Urdu Shayari | Famous Poetry | Life of a poet
Khayal
आज का ख़्याल अमीर मीनाई साहब की तरफ से। अमीर मीनाई साहब दाग़ देहलवी के समकालीन थे । अपनी ग़ज़ल ' सरकती जाए है रुख़ से नक़ाब आहिस्ता आहिस्ता ' के लिए प्रसिद्ध हैं। सुनिए उनकी रचना और उनके जीवन के बारे में @radiokabachchan के साथ।
86 Episodes
22 Dec 2024
S2E17 | इस खुर्दुरी ग़ज़ल को - Muzaffar Hanfi
7 MINS
22 Dec 2024
S2E16 | और बेशक़ ज़माने ने उसे औरत कहा- Shaad Aarfi
10 MINS
22 Dec 2024
S2E15 | मेरे हमनफ़स, मेरे हमनवा - Shakeel Badayuni
6 MINS
22 Dec 2024
S2E14 | होता है शब-ओ-रोज़ तमाशा मेरे आगे - Mirza Ghalib
7 MINS
22 Dec 2024
S2E13 | ख़ुशबू जैसे लोग मिले अफ़्साने में - Gulzar | Gulzar Sahab B'day Special
5 MINS
22 Dec 2024
S2E12 | वो हमसफ़र था - Naseer Turabi
8 MINS
22 Dec 2024
S2E11 | आए जज़्बा-ए-दिल गर मैं चाहूं - Behzad Lucknavi
7 MINS
22 Dec 2024
S2E10 | कौन आयेगा यहाँ - Kaif Bhopali
5 MINS
22 Dec 2024
S2E9 | मैं तो दरिया हूं समुंदर में उतर जाऊंगा - Ahmad Nadeem Qasmi
7 MINS
22 Dec 2024
S2E8 | बड़ा अँधेरा है - Saghar Siddiqui
7 MINS
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