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39: आशिक़ | Ameer Minai | Urdu Shayari | Famous Poetry | Life of a poet
Khayal
आज का ख़्याल अमीर मीनाई साहब की तरफ से। अमीर मीनाई साहब दाग़ देहलवी के समकालीन थे । अपनी ग़ज़ल ' सरकती जाए है रुख़ से नक़ाब आहिस्ता आहिस्ता ' के लिए प्रसिद्ध हैं। सुनिए उनकी रचना और उनके जीवन के बारे में @radiokabachchan के साथ।
86 Episodes
31 Oct 2024
S2E27 | कौन मरता है ज़िंदगी के लिए - Sadat Nazeer
5 MINS
31 Oct 2024
S2E26 | बदन में जैसे लहू ताज़ियाना हो गया है - Irfan Siddiqi
5 MINS
31 Oct 2024
S2E25 | खराबी का आग़ाज़ कहा से हुआ यह बताना है मुश्किल- Azam Bahzad
5 MINS
31 Oct 2024
S2E24 | तू इस तरह से मेरी ज़िंदगी में शामिल है - Nida Fazli
7 MINS
31 Oct 2024
S2E23 | कुंज-ए-तन्हाई - Sabir Alvi
4 MINS
31 Oct 2024
S2E22 | आए हो तो ये हिजाब क्या है - Mushafi Ghulam Hamdani
5 MINS
31 Oct 2024
SE21 | इतना मालूम है - Parveen Shakir
7 MINS
31 Oct 2024
S2E20 | उनसे बढ़ते फासले और मै = Tabish Mehdi
6 MINS
31 Oct 2024
S2E19 | पीने की शराब और - Zaheer Dehlvi
5 MINS
31 Oct 2024
S2E18 | वो चाँद है तो अक्स भी पानी में आएगा - Iqbal Sajid
6 MINS
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