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19: ओ मेरे मसरूफ़ ख़ुदा | Nasir Kazmi | Urdu Shayari | Famous Poetry | Life of a poet
Khayal
आज का ख़्याल नासिर काज़मी की तरफ से। नासिर काज़मी ने ज़िन्दगी की छोटी-छोटी अनुभूतियों को ग़ज़ल का विषय बनाया और एक बढ़कर एक ग़ज़लें लिखीं। सुनिए उनकी ग़ज़ल और उनके जीवन के बारे में @radiokabachchan के साथ|
86 Episodes
21 Nov 2024
S2E17 | इस खुर्दुरी ग़ज़ल को - Muzaffar Hanfi
7 MINS
21 Nov 2024
S2E16 | और बेशक़ ज़माने ने उसे औरत कहा- Shaad Aarfi
10 MINS
21 Nov 2024
S2E15 | मेरे हमनफ़स, मेरे हमनवा - Shakeel Badayuni
6 MINS
21 Nov 2024
S2E14 | होता है शब-ओ-रोज़ तमाशा मेरे आगे - Mirza Ghalib
7 MINS
21 Nov 2024
S2E13 | ख़ुशबू जैसे लोग मिले अफ़्साने में - Gulzar | Gulzar Sahab B'day Special
5 MINS
21 Nov 2024
S2E12 | वो हमसफ़र था - Naseer Turabi
8 MINS
21 Nov 2024
S2E11 | आए जज़्बा-ए-दिल गर मैं चाहूं - Behzad Lucknavi
7 MINS
21 Nov 2024
S2E10 | कौन आयेगा यहाँ - Kaif Bhopali
5 MINS
21 Nov 2024
S2E9 | मैं तो दरिया हूं समुंदर में उतर जाऊंगा - Ahmad Nadeem Qasmi
7 MINS
21 Nov 2024
S2E8 | बड़ा अँधेरा है - Saghar Siddiqui
7 MINS
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